- लोकसभा चुनाव में आचार संहिता का जमकर हो रहा उल्लंघन, कोई प्रत्याशी पीछे नहीं

- चुनाव आयोग की नोटिस से भी प्रत्याशियों की सेहत पर नहीं पड़ रहा कोई फर्क, नहीं देते जवाब

- जवाब दाखिल नहीं करने पर जुर्माना राशि के नाम पर चुनावी खर्चे में जोड़ दी जाती है रकम

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KANPUR : इलेक्शन ऑफिसर्स आचार संहिता उल्लंघन के मामले में उम्मीदवारों को नोटिसें जारी कर रहे हैं। मगर, चुनाव प्रचार में व्यस्त उम्मीदवारों का रवैया लाजवाब हैं। बस यूं कह लीजिए कि ज्यादातर के पास जवाब देने की फुर्सत ही नहीं है या वो कहना चाह रहे हैं कि आप अपनी ड्यूटी करो, हम अपना काम कर रहे हैं। नेताओं की ऐसी लापरवाही देखकर प्रशासनिक ऑफिसर्स को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। शायद इसीलिए अब नेताओं का चुनावी खर्च बढ़ाकर इस मामले में महज खानापूर्ति की जा रही है।

मजबूरी है वरना

चुनाव आयोग का डंडा न हो तो शायद आचार संहिता के उल्लंघन करने वाले नेताओं पर शायद ही कोई कार्यवाही की जाए। हालांकि, इन दिनों कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति ही चल रही है। फिर चाहे बड़ी राजनैतिक पार्टियां या नेता हों। या क्षेत्रीय दल और निर्दलीय प्रत्याशी। ज्यादातर ऑफिसर्स भी फ्रंट में आकर कार्यवाही करने से बचने का ही प्रयास करने की जुगत में नजर आते हैं।

कोई फर्क नहीं

चुनाव प्रचार में व्यस्त उम्मीदवारों के पास प्रशासन की नोटिसों का जवाब देने का वक्त ही नहीं है। भाजपा नेता डॉ। मुरली मनोहर जोशी हों या फिर कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल। सपा प्रत्याशी सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल के अलावा अन्य निर्दलीय प्रत्याशी भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। मीडिया सर्टीफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी के हेड मो। अश्फाक के अनुसार नोटिसों का जवाब तयशुदा समयसीमा के बाद भी नहीं दिया जा रहा है। इसलिए प्रत्याशियों को दोबारा रिमाइंडर नोटिस भिजवाई जा रही है।

डीएम की फटकार पर

सरसैया घाट पर आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सपा प्रत्याशी सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल व उनके समर्थकों की ओर से चुनाव प्रचार सामग्री बांटी गई थी। इसमें टोपी और गले में पहनने वाले पट्टे पर पार्टी का नाम व सिम्बल प्रिंट था। इस पर सपा उम्मीदवार को एडीएम सिटी की तरफ से नोटिस जारी हुआ था। हालांकि, नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किए जाने के बावजूद प्रत्याशी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। जानकारी पर डीएम डॉ। रोशन जैकब को हस्तक्षेप करना पड़ा। तब कहीं जाकर सपा प्रत्याशी के चुनावी खर्च में प्रचार सामग्री की रकम जुड़वाई गई।

खाते में जोड़ रहे खर्चा

नोटिस का जवाब नहीं देने पर नेताओं के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही हो सकती हैं.? मीडिया सर्टीफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी के हेड मो। अश्फाक ने इस बारे में बताया कि आचार संहिता उल्लंघन के तहत जितनी भी धनराशि का आंकलन किया जाता है। उसकी आधी धनराशि नेताओं और राजनैतिक पार्टियों के चुनावी खर्चे में जोड़ दी जाती है। इस संबंध में चीफ ट्रेजरी ऑफिसर को बाकायदा एस्टीमेट भेजकर नेताओं के आय-व्यय के ब्यौरे में यह चुनावी खर्च जुड़वाया जाता है।

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आचार संहिता उल्लंघन के मामलों पर एक नजर -

श्रीप्रकाश जायसवाल, कांग्रेस -

कानपुर नगर लोकसभा सीट से लगातार तीन बार सांसद व केन्द्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को तीन नोटिसें मिल चुकी हैं।

- बिना अनुमति पैदल यात्रा के संबंध में।

- एक बाई-मंथली न्यूजपेपर में पेड न्यूज को लेकर।

- कैंपेनिंग के लिए बल्क एसएमएस करने पर।

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डॉ। मुरली मनोहर जोशी, बीजेपी

पहली बार कानपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने जा रहे डॉ। मुरली मनोहर जोशी को इन मामलों में नोटिसें जारी की गई हैं।

- पहली बार कानपुर आने पर बिना अनुमति वाहन जुलूस।

- क्म्-फ्क् मार्च तक शहर के विभिन्न इलाकों में बिना परमीशन होर्डिग्स लगाने पर।

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मो। सलीम अहमद, बसपा

लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनावों में किस्मत आजमाई। अब तक सफलता नहीं मिली। एक बार फिर चुनाव मैदान में बसपा की टिकट पर। आचार संहिता के उल्लंघन में नोटिस पा चुके हैं।

- वोटर्स को बल्क एसएमएस करने के संबंध में।

- फेसबुक पर कमेंट बसपा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वोट की अपील करना।

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डॉ। महमूद रहमानी, आम आदमी पार्टी

पेशे से आई सर्जन डॉ। रहमानी अपने जीवन में पहली बार राजनैतिक पारी खेलने उतरे हैं। इन्हें भी आचार संहिता उल्लंघन का नोटिस जारी हो चुका है।

- सरसैया घाट पर होली मिलन समारोह में पार्टी समर्थकों ने वहां मौजूद लोगों को टोपियां बांटी।

- अपने हॉस्पिटल कम क्लीनिक शिफा आई रिसर्च सेंटर पर बिना परमीशन आई चेकअप कैम्प का आयोजन। हालांकि, मौके पर एसीएम-फ् राकेश कुमार व पुलिस के पहुंचने के बाद कैम्प स्थगित करना पड़ा।

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सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल, समाजवादी पार्टी -

वर्तमान में स्टेट कैबिनट मिनिस्टर का दर्जा पाए और सपा के लोकसभा उम्मीदवार हैं। आचार संहिता के उल्लंघन में यह भी नहीं बच सके हैं।

- सरसैया घाट में आयोजित होली मिलन समारोह में पब्लिक को टोपियां और गले में लटकाने वाला पार्टी का पट्टा।

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डॉ। निखिल गुप्ता

नवभारत डेमोक्रेटिक पार्टी से कानपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार हैं। इन्हें दो नोटिसें जारी हो चुकी हैं।

- गोविन्द नगर में बिना अनुमति करीब ख्00 लोगों को इकट्ठा करके भाषण देने और वोट मांगने की अपील करने पर।

- बिना परमीशन रोड पर चुनाव रथ से प्रचार करने और चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर।

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