- उद्योगपति के बेटे को अगवा करने का मामला

-पुलिस की हल्की धारा में कार्रवाई से विधायक पुत्र समेत साथियों को आसानी से मिली बेल

- अपहरण और लूट की धारा में पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

KANPUR :

उद्योगपति सोम गोयनका के बेटे को अगवा करने के मामले में पुलिस के 'कानूनी खेल' से आरोपी विधायक पुत्र और उनके साथियों को बेल मिल गई। उद्योगपति से जुड़ा मामला होने से पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की, लेकिन इसमें एक भी संगीन धारा नहीं थी, जिसमें उन्हें आसानी से कोर्ट में बेल मिल गई। जिससे प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपियों के रसूख के आगे नतमस्तक हो गई। हालांकि इस बाबत कोई भी पुलिस अफसर बोलने से बच रहा है।

कोहना थानाक्षेत्र में सोमवार की रात को उद्योगपति सोम गोयनका का बेटा आकाश कार से घर जा रहा था। रास्ते में उसकी कार उन्नाव के पूर्व विधायक के बेटे डॉ। अभिनव की कार से टकरा गई। पूर्व विधायक के बेटे डॉ। अभिनव के साथ फराज, नफीस, फुजैन और गुलामुद्दीन थे। उन लोगों ने आकाश को पीटते हुए कार से खींच लिया था। इसके बाद वे उसको अपनी कार में अगवा कर ले जा रहे थे। आकाश की कार भी पूर्व विधायक के बेटे के साथियों ने लूट ली थी। वे कार को जाजमऊ ले जा रहे थे कि रास्ते में पुलिस चेकिंग को देखकर उन्होंने आकाश को कार से फेंक दिया। इस खबर के फ्लैश होते ही पुलिस ने चौतरफा चेकिंग लगा दी और आरोपी विधायक पुत्र को साथियों समेत फूलबाग में पकड़ लिया गया।

रात से ही एक्टिव हुए पैरोकार

पूर्व विधायक के बेटे डॉ। अभिनव और उसके साथियों के गिरफ्तार होते ही परिजन और पैरोकार समझौते के लिए एक्टिव हो गए। जिसमें सपा के बड़े नेता से लेकर बिजनेसमैन शामिल थे। वे पहले उद्योगपति से बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। हालांकि एक बड़े उद्योगपति ने विधायक के बेटे को कुछ दिनों बाद समझौता करने का आश्वासन दिया है। उसने कहा कि अभी मामला गरम है। इसलिए मामले के ठंडा होने पर वो उद्योगपति से समझौते की बात करेंगे।

संगीन धारा में कार्रवाई क्यों नहीं

पूर्व विधायक के बेटे और उनके साथियों ने उद्योगपति के बेटे को पीटने के बाद उसकी कार लूटी थी। इसके बाद वे उसको अगवा कर अपनी कार से कहीं ले जा रहे थे। सीनियर एडवोकेट डॉ। देवेंद्र द्विवेदी के मुताबिक आरोपियों पर अपहरण और लूट की धारा में कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन पुलिस ने उन पर लापरवाही से गाड़ी चलाने, मारपीट, बलवा, क्षति पहुंचाने जैसी हल्की धारा में कार्रवाई की। इसी के चलते उनको आसानी से बेल मिल गई है।