इस मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर एक महिला की जासूसी के आरोप लगे थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ये ख़बर दी है.

केंद्र सरकार का ये कदम समाचार वेबसाइट गुलेल डॉट कॉम द्वारा कुछ नए ऑडियो टेप जारी करने के बाद आया है जिसमें दावा किया गया है कि युवती की जासूसी महज़ गुजरात तक ही सीमित नहीं थी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वेबसाइट ने बुधवार को दावा किया था कि गुजरात पुलिस ने कर्नाटक में भी युवती की जासूसी करने की कोशिश की थी लेकिन राज्य सरकार ने गुजरात पुलिस की ये मांग ठुकरा दी थी क्योंकि ये इंडियन टेलीग्राफ़ एक्ट के मुताबिक नहीं थी.

गुलेल डॉट कॉम के मुताबिक साल 2009 में जब वह युवती बंगलौर में रह रही थी, उस वक्त गुजरात पुलिस ने उसके फ़ोन कॉल की जासूसी के लिए कर्नाटक पुलिस से संपर्क किया था. उस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा थे.

पिछले महीने वेबसाइट कोबरा पोस्ट और गुलेल डॉट कॉम की ओर से जारी किए गए एक ऑडियो में गुजरात के पूर्व गृहमंत्री अमित शाह कथित तौर पर गुजरात के आईपीएस अधिकारी गिरीश सिंघल को इस युवती की जासूसी के लिए कह रहे हैं.

मामला उछलने के बाद गुजरात सरकार ने इसकी जाँच के लिए दो सदस्यीय जाँच आयोग का गठन किया. आयोग की अध्यक्ष अहमदाबाद हाई कोर्ट की एक रिटायर्ड महिला जज सुगन्याबेन भट्ट हैं. आयोग के दूसरे सदस्य राज्य के अवकाश प्राप्त अतिरिक्त मुख्य सचिव केसी कपूर हैं. इस आयोग को तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.

प्रतिक्रिया

"कांग्रेस पूरी तरह विपक्षी पार्टी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार को निशाना बना रही है. बीजेपी कांग्रेस के इस रुख़ से हैरान नहीं है, साफ तौर पर कांग्रेस इमरजेंसी वाली सोच से काम कर रही है. कांग्रेस पार्टी को लोग बार-बार सबक सिखा रहे हैं लेकिन वो सबक नहीं ले रही है"

-निर्मला सीतारमन, प्रवक्ता- भाजपा

इस पर कांग्रेस नेता दिग्जविजय सिंह ने कहा, "बहुत बधाई केंद्र सरकार को! क्योंकि ये इंडियन टेलीग्राफ एक्ट का खुला उल्लंघन हुआ है. जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. मुझे विश्वास है कि ये आयोग जल्द अपनी रिपोर्ट देगा."

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इस जांच के जरिए कांग्रेस ने भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया है.

राज्य सभा में पार्टी के नेता अरुण जेटली ने ट्वीट करके कहा है कि इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी. साथ ही उन्होंने इसे संघीय ढाँचे का उल्लंघन भी बताया है.

पार्टी की प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है.

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने ऐसे मामले की जांच के आदेश दिए हैं जो राज्य के अधीन आता है और जिसमें पहले ही एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच हो रही है."

उन्होंने इस मामले में जांच को केंद्र का अति उत्साह में उठाया गया कदम बताया.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इससे केंद्र और राज्य के रिश्ते भी प्रभावित होंगे.

सीतारमन ने कहा, "कांग्रेस पूरी तरह विपक्षी पार्टी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार को निशाना बना रही है."

उन्होंने कहा, "बीजेपी कांग्रेस के इस रुख से हैरान नहीं है, साफ तौर पर कांग्रेस इमरजेंसी वाली सोच से काम कर रही है. कांग्रेस पार्टी को लोग बार-बार सबक सिखा रहे हैं लेकिन वो सबक नहीं ले रही है."

International News inextlive from World News Desk