-विधानसभा सत्र के बीच हुई कैबिनेट की बैठक

-सीएम युवा उद्यमी स्वरोजगार योजना के लिए होगा 10 करोड़ का कार्पस

देहरादून, चार साल पहले कांग्रेस शासनकाल में विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्रित्वकाल में शुरू हुई बेरोजगारों को दी जाने वाली बेरोजगारी भत्ता योजना अब नहीं चलेगी। सरकार अब उसके स्थान पर युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। सरकार बेरोजगारों को सुलभ व स्वरोजगार उपलब्ध कराए जाने के लिए स्टार्ट-अप फंड स्थापित करेगी।

कैबिनेट ने लिए फैसले

गुरुवार को दो दिवसीय विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह ग्यारह बजे स्थगित होने के बाद हरीश रावत मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें कई फैसले लिए गए। कैबिनेट ने निर्णय लिया कि पूर्व में प्रदेश में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की व्यवस्था थी। लेकिन अब उसके स्थान पर बेरोजगारों को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करने के लिए कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके तहत सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत युवा बेरोजगारों के लिए सुलभ स्वरोजगार उपलब्ध कराने को स्टार्ट-अप फंड स्थापित किया जाएगा। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार शिक्षित युवा बेरोजगार जो जिला व क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालयों में रजिस्टर्ड हैं, रोजगार नहीं मिल पा रहा है और अपना रोजगार स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें बैंक लिंकेज कराते हुए परियोजना लागत के 25 प्रतिशत (अधिकतम 50 हजार प्रति युवा)सहायता या अनुदान प्रदान करते हुए उद्यम स्थापित कर सेवायोजन दिया जाएगा।

::बेरोजगारी भत्ते पर एक नजर::

-9 नवंबर ख्0क्फ् को तत्कालीन विजय बहुगुणा सरकार ने सह कौशल विकास भत्ता के नाम पर बेरेाजगारी भत्ता देने की शुरुआत की थी।

-इसकी शुरुआत राज्य स्थापना दिवस पर सचिवालय में की गई थी।

-शुरुआत के तौर पर पहले दिन क्0म् बेरोजगारों को चेक वितरित किए गए थे।

-इसमें देहरादून के सबसे अधिक ब्फ् और हरिद्वार के ख्0 व कालसी के क्ख् शामिल थे।

-तत्कालीन सरकार ने बेरोजगारी भत्ते पर पहले ही घोषणा कर दी थी और क्म् अक्टूबर ख्0क्ख् को नियमावली भी तैयार हुई थी।

-आवेदन के लिए परिवार की आय सहित कई दस्तावेज दर्शाने अनिवार्य थे।

-पिछले दो वित्तीय वर्षो से बजट के अभाव में युवा बेरोजगारों को बजट नहीं मिल पा रहा है।

-पीजी वाले बेरोजगारों को क्भ्00, ग्रेजुएशन को क्ख्00 और इंटरमीडिएट बेरोजगारों को एक हजार रुपये मिलते थे।

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मलिन बस्तियों के लिए कमेटी

-नगर निकायों में मलिन बस्तियों में सुधार, विनियमितीकरण, पुनर्वास व पुन‌र्व्यवस्थापन के लिए सब कमेटी का गठन होगा।

-कमेटी में शहरी विकास मंत्री, वन मंत्री के अलावा सचिव वित्त व न्याय सदस्य होंगे।

-शहरी विकास विभाग द्वारा इसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी।

-इस संबंध में किए जाने वाले सुधार कार्यो के लिए ब्00 करोड़ का कार्पस फंड भी स्थापित किया जाएगा।