पर्यटन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री अब सिर्फ विधायक बनकर कर रहे काम।

गुस्सा, चिंतन और दावा, सब कुछ टिहरी को लेकर ही है

-टिहरी पर पूरी तरह केंद्रित हो गए हैं कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै

-टिहरी महोत्सव के साथ ही कैबिनेट भी 15 को होगी: दिनेश धनै।

DEHRADUN: दिनेश धनै कहने के लिए तो पूरे प्रदेश के मंत्री हैं, लेकिन उनका नजरिया सिर्फ टिहरी पर सिमट गया है। साफ शब्दों में कहें, तो धनै के लिए राज्य का मतलब सिर्फ टिहरी रह गया है। शुक्रवार के पूरे दिन भर की धनै की गतिविधियों को देखें, तो उनका सरोकार सिर्फ टिहरी से जुड़ा दिखाई दिया। इस क्रम में टिहरी के लिए वे कभी गुस्सा होते दिखे, कभी चिंता, तो कभी चिंतन करते दिखाई दिए। अपने क्षेत्र के लिए हर तरह से जुटना एक विधायक की खूबी है, लेकिन एक मंत्री के लिहाज से बात करें, तो सवाल उठता है कि क्या धनै को पूरे प्रदेश के लिए इस तरह से नहीं जुटना चाहिए।

टिहरी के लिए गुस्सा

टिहरी बांध के निर्माण के बाद आस-पास के लोगों को पेश आ रही दिक्कत को लेकर आज कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै इस कदर गुस्सा हुए, कि मीटिंग ही बीच में छोड़ दी। हालांकि उनके सहयोगी मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने उन्हें मनाया और किसी तरह से मीटिंग हो पाई। ये मीटिंग टिहरी बांध प्रभावितों की समस्याओं को लेकर मंत्रिमंडल की उपसमिति की थी। सचिव आनंद वर्धन से भी दिनेश धनै की गरमागरमी वाले माहौल में बात हुई।

टिहरी के लिए चिंतन

टिहरी में क्भ् और क्म् अक्टूबर को होने जा रहे साहसिक पर्यटन महोत्सव की तैयारियों में आज दिनेश धनै पूरे समय जुटे रहे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, जिसमें तीसरी बार आयोजित होने वाले इस महोत्सव की उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। टिहरी को पर्यटन मानचित्र में उभारने के लिए वह ठोस प्रयास करने की बात कहते रहे। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में है कि क्भ् अक्टूबर को टिहरी में कैबिनेट मीटिंग होने जा रही है।

टिहरी के लिए दावा

टिहरी विधानसभा सीट से दिनेश धनै अपना दावा लगातार कर रहे हैं। आज टिहरी महोत्सव की तैयारियों के बीच, उन्होंने फिर से कहा कि वह टिहरी से ही चुनाव लडे़ंगे। उन्होंने कहा कि टिहरी से चाहे जो भी आ जाए, वह अपना दावा कतई नहीं छोडे़ंगे। उनका इशारा सीधे सीधे किशोर उपाध्याय की तरफ रहा, जिनके साथ धनै के तल्खी भरे रिश्ते ख्0क्ख् के विधानसभा चुनाव से हैं।