-मेरठ में फर्जी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेज के खिलाफ हुई थी रिपोर्ट

-जिला समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला ने शासन को लिखा था

-मेरठ समेत 10 जनपदों में कम्प्ट्रोलर एंड ऑडीटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) छात्रवृत्ति घोटाले की करेगी जांच

मेरठ: मेरठ में फर्जी छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति हड़पने वालों की शामत आ रही है। मेरठ समेत सूबे के 10 जनपदों में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कम्प्ट्रोलर एवं ऑडिटर जनरल (कैग) करेगा। शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने घोटाले की जांच कैग से कराने का निर्णय किया। केंद्र सरकार के फरमान से सकते में आई राज्य सरकार ने आनन-फानन में सभी 10 जनपदों के जिला समाज कल्याण अधिकारी को जांच में सहयोग के आदेश दिए हैं।

कैग खंगालेगा कुंडली

केंद्र सरकार माना है कि यूपी में पूर्व सपा सरकार के दौरान 2012 से 2017 के बीच बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति आवंटन में घोटाला हुआ है। पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिला तो वहीं अपात्रों के नाम से सरकारी धन (छात्रवृत्ति) विभागीय मिलीभगत से कॉलेज संचालकों ने हड़पा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सत्र 2012-13 से लेकर 2016-17 तक अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में भ्रष्टाचार की पुष्टि पर परफार्मेस ऑडिट के आदेश दिए हैं।

मेरठ में हुआ घोटाला

सनद हो कि जनवरी 2017 में मेरठ में छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा सर्वप्रथम दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया था। कुछ कॉलेज संचालकों द्वारा फर्जी छात्रों का प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़पने का प्रयास किया गया था। तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मोहम्मद मुश्ताक अहमद की भूमिका इस प्रकरण में उजागर हुई थी तो वहीं तत्कालीन डीएम बी। चंद्रकला ने मो। मुश्ताक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा था।

8 कॉलेजों के खिलाफ मुकदमा

डीएम के आदेश में मेरठ में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी दयानंद विद्यापीठ एजुकेशन इंस्टीट्यूट शोल्दा गढ़ रोड के निदेशक डॉ। अंकित गर्ग, एपीएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी सरधना, एपीएस कॉलेज खिवाई, ऋषि इंस्टीट्यूट परतापुर, एलटीआर इंस्टीट्यूट बागपत रोड, आरएन हस्तिानपुर, महालक्ष्मी मवाना और एआर इंस्टीट्यूट मवाना के खिलाफ संबंधित थानों में डीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। 15 कॉलेजों को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा गया था। 34 कॉलेजों में जांच के दौरान 25 कॉलेजों में छात्रों की संख्या 50 फीसदी से कम पाई गई।

करना होगा कैग का सहयोग

समाज कल्याण निदेशालय के उप निदेशक पीके त्रिपाठी की ओर से मेरठ समेत 10 जनपदों को जारी पत्र में कैग को सहयोग करने के आदेश जिला समाज कल्याण अधिकारियों को दिए गए हैं। ऑडिट के दौरान बीती 5 वर्षो की पत्रावलियां और सूचनाएं ऑडिट टीम को देनी होगी। कैग कॉलेजों में जाकर भी छात्रवृत्ति आवंटन का भौतिक सत्यापन करेगी।

ये जनपद दायरे में

रायबरेली, वाराणसी, अलीगढ़, बिजनौर, आगरा, सहारनपुर, इलाहाबाद, मथुरा, मेरठ और लखनऊ।

---

केंद्र सरकार के निर्देश पर कैग मेरठ समेत 10 जनपदों में छात्रवृत्ति आवंटन का आडिट करेगी। शासन के आदेश पर बीती 5 सालों का रिकार्ड एकत्र किया जा रहा है।

-उमेश द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, मेरठ