- नेपाल में आए भूकंप के बाद लौट रहे टूरिस्ट के लिए स्पेशल कैंप

- इंडिया के स्टेट वाइस लगा कैंप और अदर कंट्री के लोगों के लिए भी स्पेशल व्यवस्था

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : नेपाल में आए भूकंप ने मौत का तांडव खेला। दिल दहला देने वाले इस हादसे में सिर्फ नेपाल के लोग नहीं बल्कि इंडिया और अन्य कंट्री से आए लोगों की भी जान गई। जो लोग बच गए वे आनन-फानन में वहां से निकल रहे हैं। नेपाल से आ रहे लोगों के लिए गोरखपुर स्थित डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में स्पेशल कैंप लगाया गया है। कैंप में रहने-खाने के साथ सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इसको लेकर जिलाधिकारी रंजन कुमार के निर्देश पर एडीएम एफआर दिनेश चंद्र सिंह ने आपदा टीम के साथ मीटिंग की। भूकंप को लेकर सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

स्टेट वाइस लगेंगे कैंप

एडीएम एफआर दिनेश चंद सिंह ने बताया कि डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में राहत शिविर लगाया गया है। शिविर में प्रदेश वाइस कैंप लगा है। मतलब नेपाल से आने वाले लोग जो आंध्र प्रदेश के होंगे, वे आंध्र प्रदेश के कैंप में रहेंगे और जो पंजाब के होंगे वे पंजाब के कैंप में। साथ ही अदर कंट्री के लिए स्पेशल कैंप लगाया गया है। नेपाल से आने वाले सभी लोगों को रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर रिसीव करने के लिए अधिकारी मौजूद रहेंगे। वे वहां से टूरिस्ट को राहत शिविर में लेकर आएंगे। शिविर में शौचालय से लेकर पेयजल, खाने-पीने से लेकर रहने की पूरी व्यवस्था होगी। नेपाल से लगातार टूरिस्ट गोरखपुर स्थित राहत शिविर में पहुंच रहे हैं।

हर अधिकारी को दी गई जिम्मेदारी

जिलाधिकारी रंजन कुमार ने बताया कि राहत शिविर में अधिकारी और कर्मचारी की चार-चार टीमें बनाई गई है। जो शिविर में 6-6 घंटे रहेगी। शिविर में प्राथमिक स्वास्थ्य के अलावा ट्रामा मैनेजमेंट की व्यवस्था की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी सीएमओ डॉ। एमके सिंह को दी गई है। नगर आयुक्त राजेश त्यागी पेयजल, सफाई, शौचालय, लाइट, फॉगिंग व्यवस्था देखेंगे। पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता एके सिंह को टेंट और रहने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई है। डीआईओएस एएन मौर्य को आने वाले टूरिस्ट की कंपलीट जानकारी रखने का निर्देश दिया गया है। एसडीएम नेहा प्रकाश शिविर में आने वाले टूरिस्ट की सारी व्यवस्था का ख्याल रखेंगी। रेलवे नोडल अधिकारी जेपी सिंह टूरिस्ट को रेलवे की ओर से नियमानुसार मदद कराएंगे। सिटी मजिस्ट्रेट सतीश पाल की अगुवाई में टीम टूरिस्ट को उनके घर तक यातायात कराने की जिम्मेदारी होगी। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। केपी कुशवाहा के जिम्मे सभी मेडिकल व्यवस्था होगा। इसी तरह 17 अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।