- राजधानी के विभिन्न एरिया में चलाया गया अभियान
- आरटीओ प्रवर्तन दस्ते ने काटे कई चालान
Lucknow:
भूल गया.सर यहीं पान की दुकान तक आया था, इसलिए हेल्मेट नहीं पहनाबच्चे को स्कूल से लाना था, देर हो रही थी। इस तरह के तमाम बहाने बुधवार को उस समय सुनने को मिले जब आरटीओ प्रवर्तन दस्ते ने सिटी में हेल्मेट और सीट बेल्ट न पहनने वालों के खिलाफ अभियान चलाया।
अलग-अलग बहाने
अभियान में जिसको रोका गया, उसने हेल्मेट न पहनने और सीट बेल्ट न बांधने के अलग-अलग बहाने बनाए। लेकिन प्रवर्तन दस्तों ने बहाने बनाने वालों को माकूल जवाब दिया और उनका चालान काटा। हेल्मेट न लगाने और सीट बेल्ट न बांधने वालों को प्रवर्तन दस्तों ने एक ही जवाब दिया कि आपका जीवन हमारे राष्ट्र के लिए अनमोल है। इसकी सुरक्षा से खेलने का अधिकार किसी को नहीं है।
रौब दिखाने की कोशिश
अभियान के दौरान कई लोगों ने प्रवर्तन दस्तों के अधिकारियों को रौब में भी लेने की कोशिश लेकिन उनकी एक न चली। अभियान के दौरान आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन प्रवीण सिंह, एआरटीओ बीके अस्थाना, पीटीओ नागेन्द्र बाजपेई और अनिता वर्मा ने चालान काटे।
हेल्मेट न पहनने के बहाने
1. जल्दबाजी में ध्यान ही नहीं रहा।
2. पास ही जाना था, इसलिए नहीं लगाया।
3. सिर में चोट है, हेल्मेट नहीं लगा सकता।
4. हेल्मेट खो गया है। नया लेना है।
5. जल्दी में था हेल्मेट घर पर भूल गया।
6. रिलेटिव को देखने हॉस्पिटल जा रहा था। हेल्मेट गाड़ी में रखा है।
7. रोज लगाता हूं, पता नहीं कैसे आज घर पर रह गया।
8. हेल्मेट भाई ले गया है।
9. गाड़ी चलाना सीख रहा हूं। लर्निग का डीएल है।
10. हेल्मेट पहनने से बाल झड़ रहे हैं। अब आगे से लगाऊंगा।
सीट बेल्ट न लगाने के बहाने
1. शहर के अंदर ही हूं, इसलिए नहीं लगाई।
2. सीट बेल्ट लगाकर ड्राइविंग में दिक्कत होती है।
3. मेरा पेट निकला है, इसलिए इससे बचता हूं।
4. मेरी आदत नहीं है।
5. क्या यहां भी सीट बेल्ट पहनना जरूरी है, पता नहीं था।
दी गई चेतावनी
राजधानी में हेल्मेट न पहनने वालों के खिलाफ तो अभियान चला ही है, वहीं दूसरी तरफ बाइक पर पिछली सीट पर बैठे लोगों को भी चेतावनी देकर छोड़ा गया है। उनसे कहा गया है कि अब पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए हेल्मेट अनिवार्य है। अगली बार हेल्मेट नहीं मिला तो चालान होगा।
यहां चला अभियान
- हजरतगंज चौराहा, 1090 चौराहा, बंगला बाजार, शहीद पथ