पहल : अजन्मी बेटियों की रक्षा के लिए आगे आया मेडिकल कॉलेज

भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए चलाया जा रहा अभियान, जूनियर डॉक्टर्स ने ली शपथ

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: अपने सिर पर लगे आरोपों को खारिज करने का इससे अच्छा मौका पता नहीं कब मिलेगा, लेकिन वर्तमान में इनका संकल्प वाकई काबिलेतारीफ है। बात हो रही है एमएलएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स की। 'जो भ्रूण हत्या पाप न करेंगे न करने देंगे' की शपथ ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कॉलेज प्रशासन ने यह कवायद शुरू की है और दूसरों को भी बेटा-बेटी एक समान का संदेश दे रहे हैं।

बड़े स्तर पर चलेगा अभियान

मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस अभियान को बड़े स्तर पर ले जाने की तैयारी में है। इसका मकसद लड़के-लड़कियों के बीच बढ़ते लिंगानुपात पर लगाम लगाना है। फिलहाल, कॉलेज के स्टूडेंट्स अभियान चलाकर जनजागरण कर रहे हैं और दूसरों को कन्या भू्रण हत्या से परहेज करने की सीख दे रहे हैं। इस अभियान के तहत अब तक कॉलेज की ओर से 25 कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

आंकड़ों की कहानी

वर्ष 2011 जनगणना में देश का लिंगानुपात 908 और यूपी में 902 पर था

मतलब एक हजार लड़कों के सापेक्ष 902 लड़कियां रह गई हैं

एक अन्य सर्वे रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2014-15 में यह अंतर बढ़कर 883 पर पहुंच चुका है

मेडिकल कॉलेज प्रशासन छात्रों को एमबीबीएस की डिग्री देते समय धर्मगुरुओं के जरिए भ्रूणहत्या न करने की शपथ दिलाएगा

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने गायनकोलाजिस्ट विभाग की एचओडी डॉ। ममता चौरसिया के नेतृत्व में टीम का गठन भी किया है

दस-दस डॉक्टरों की छह टीमे गांव व शहरी एरिया में भ्रमण कर अल्ट्रासाउंड सेंटर्स का निरीक्षण करेंगी और गड़बड़ी पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराएंगी।

सेंटर्स के खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी।

आंकड़ों पर नजर

राष्ट्रीय स्तर का लिंगानुपात

जनगणना सेक्स रेशियो

1991 879

2001 898

2011 908

यूपी का लिंगानुपात

जनगणना सेक्स रेशियो

1991 927

2001 916

2011 902

औपचारिकता बना एक्ट

महालेखाकार की आडिट रिपोर्ट बताती है कि पीसीपीएनडीटी एक्ट का सही पालन नहीं किए जाने से अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटर्स द्वारा मनमानी की जा रही है। न तो इन सेंटर्स में पर्याप्त छापेमारी की गई और न ही केंद्रों ने स्वास्थ्य विभाग को समय से अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट भेजी। यही नही, कई सेंटर्स के पास जांच की गई महिला मरीजों की नियमानुसार विस्तृत जानकारी भी एकत्र नही की गई थी। इससे साफ है कि इस एक्ट को लेकर सिस्टम सक्रिय नहीं है।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से प्रेरित होकर जूनियर डॉक्टर्स को कन्या भ्रूण हत्या रोकने की शपथ दिलाई जा रही है। भविष्य में अभियान को वृहद रूप में संचालित किए जाने की तैयारी चल रही है।

प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज प्रशासन का प्रयास सराहनीय है। डॉक्टर इस मुहिम मे आएंगे तो समाज में अच्छा संदेश जाएगा। मेरी मांग है कि बेटियों को पढ़ाई, रोजगार, विवाह, यात्रा एवं आवास निर्माण में आरक्षण देकर आर्थिक मदद करे।

निहारिका, कथावाचिका