आपसी सहमति का रिश्ता रेप कैसे

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट एक टॉप IDFC बैंकर और एक इंटरनैशनल एयरलाइन की फॉर्मर क्रू मेंबर के बिगड़े रिश्ते की सुनवाई कर रहा था. इस केस की सुनवाई के दौरान जजों ने मर्जी से बनाए रिश्ते टूटने पर उन्हें रेप की निगाह से देखने के ऊपर चिंता जताई. इस बारे में आगे कहा कि क्या ऐसे मामलों में पुरूषों के खिलाफ रेप के आरोप लगाए जा सकते हैं.

क्या है विक्टिम के आरोप

इस केस में बैंकर एक शादीशुदा पुरूष है जो दो बच्चों का बाप है. इसके साथ ही विक्टिम एक फॉर्मर एयरलाइन क्रू मेंबर है. विक्टिम ने बैंकर के ऊपर शादी का वादा करके रिश्ते बनाने, अश्लील क्लिप लेने और उसे सर्कुलेट करने की धमकी देकर यौन उत्पीड़न करने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं.

क्या है बचाव पक्ष की दलील

इस बारे में बचाव पक्ष का कहना है कि विक्टिम एक पढ़ी-लिखी और इंटरनेट से अवेयर लड़की है जो अच्छी तरह जानती थी कि मैं शादीशुदा हूँ और बच्चों का बाप हूँ. यह जानकारी छिपाना कोई आसान काम नही है. इसलिए शादी का वादा करके सेक्स के लिए प्रेरित करने जैसे आरोप बेबुनियाद हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस एस. के. सिंह की बेंच ने आरोपी बैंकर से पूछा कि आपने अश्लील पिक्चर्स क्यों ली? इस पर बचाव पक्ष ने कहा कि यह तो सेल्फी हैं तो जजों ने कहा कि क्या पूरी बॉडी की सेल्फी ले पाना पॉसिबल है?

बेवकूफी नही कामुकता से भरा रिश्ता

केस की सुनवाई के दौरान जब बचाव पक्ष के सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि 'लोग इस तरह के रिलेशन में बहक जाते हैं और इनका रिश्ता थोड़ा डिफरेंट था' इस दलील पर बेंच ने पूछा, 'डिफरेंट? इसे बेवकूफाना रिश्ते की जगह कामुकता से भरा रिलेशन कहा जा सकता है.' इसके बाद जब बचाव पक्ष ने कहा कि शादी का वादा तोड़ना ही रेप का आधार बनाया गया है. इस बात पर कोर्ट ने कहा कि यह कब किस कोर्ट ने कहा है कि अगर आप किसी महिला के साथ 2 साल तक रिलेशन में रहते हैं और जब वह रिश्ता नाकाम हो जाए तो रेप बन जाता है? इसके बाद लूथरा ने कहा कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था. इस बात पर जजों की बेंच यह कहा कि वह एक पर्टीकुलर मामला रहा होगा. इसके बाद बेंच ने इस मामले से जुड़े कानूनी सवाल की जांच करने के लिए सहमति जताई.

रेप बन रहा हथियार

इस मामले में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें महिलाएं पुरुषों के खिलाफ शादी का वादा करके सेक्स करने पर रेप का मामला दर्ज करा रही हैं. पिछले साल ही दिल्ली हाई कोर्ट ने इस बारे में यहां तक कहा था कि रेप केसों को बदला लेने, परेशान करने और यहां तक कि पुरुषों को शादी के लिए मजबूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट्स के जजों से कहा है कि वे ऐसे मामलों में रेप का आरोप लगाने वाली लड़की की मंशा को सावधानी से परखें और चेक करें कि ये आरोप असली हैं या इसके पीछे कोई और वजह है. दरअसल ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें महिलाएं इच्छा से फिजिकल रिलेशन बनाती हैं और फिर रिश्ता टूटने पर कानून को हथियार की तरह यूज करती हैं. गौरतलब है कि ऐसा पैसा उगाहने या फिर लड़के को शादी के लिए मजबूर करने के लिए भी किया जाता है.

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