समय से पीछे है प्रोजेक्ट

धारा-4 की कार्रवाई पूरी होते ही धारा-6 की कार्रवाई की ओर बढ़ा जाएगा। वैसे प्रोजेक्ट के लिए एमडीए अभी तक पूरी लैंड एक्वायर नहीं कर सका है। इसका महत्वपूर्ण कारण लैंड इक्वीजेशन डिपार्टमेंट के साथ एमडीए का रुपए को लेकर विवाद है, जबकि रेलवे ने अपने हिस्से के पिलर खड़े कर लिए हैं।

करार नियमावली

प्रशासनिक कार्रवाई के पूरा होने के बाद अगली कड़ी में करार नियमावली होगी। इसके बाद ही इनर रिंग रोड का काम फाइलों से उतरकर जमीन पर शुरू होगा। करार नियमावली में किसी तरह की दिक्कत पेश न आए, इसके लिए एमडीए ने तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रोजेक्ट के लिए पांच गांव की जमीन का अधिग्रहण होना है।

'इनर रिंग रोड के लिए लैंड इक्वीजेशन की जो भी प्रशासनिक दर तय होगी उसी के मुताबिक भुगतान होगा। प्रोजेक्ट के लिए धनराशि की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। लैंड इक्वीजेशन के बाद निर्माण शुरू करेंगे। ताकि जल्द से जल्द पब्लिक को उनकी रिंग रोड मिल सके.'

- एसके सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए