छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : जमशेदपुर स्थित एमजीएम कॉलेज एवं अस्पताल, में टर्सियरी केयर कैंसर सेंटर स्थापना की योजना राज्य सरकार के हाथ से निकल सकती है। केंद्र की मांग के अनुरूप आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी नहीं करने तथा कमियां दूर नहीं किए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। अब केंद्र ने राज्य सरकार को एमजीएम में कैंसर सेंटर के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने के लिए तीन माह का समय दिया है। निर्धारित समय सीमा तक प्रक्रियाएं पूरी नहीं करने पर योजना दूसरे राज्यों को देने की चेतावनी भी दी गई है।

पहले भी लिखे हैं कई लेटर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी निर्णय लिया गया है कि जिन मेडिकल कॉलेजों का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है तथा उनके द्वारा तीन माह के भीतर निर्धारित कमियां दूर नहीं की जाती हैं तथा आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती हैं तो उनकी योजना किसी दूसरे राज्य को दे दी जाएगी। कमियां दूर करने तथा निर्धारित प्रक्रिया पूरी नहीं करने में एमजीएम भी शामिल है। संयुक्त सचिव ने निर्धारित कमियों को दूर करने के लिए पूर्व में भी कई पत्र लिखे जाने की बात कही है। इधर, राज्य के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर रंजन ने एमजीएम के प्राचार्य और अधीक्षक को पत्र लिखकर केंद्र के पत्र के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। रिम्स में भी कैंसर केयर सेंटर खोले जाने की योजना है।

2019 तक ही चलेगी योजना

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव गायत्री मिश्रा ने राज्य की स्वास्थ्य सचिव निधि खरे को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए उनसे इसपर व्यक्तिगत रूचि दिखाने का अनुरोध किया है। उनके अनुसार, केंद्र में यह उच्चस्तरीय निर्णय लिया गया है कि यह योजना दिसंबर 2019 तक ही चलेगी। इसके लिए 2018-19 में ही मेडिकल कॉलेज को आर्थिक सहायता मिल सकती है।

एईआरबी से लेना था लाइसेंस

केंद्र ने जो कमियां गिनाई हैं उनमें एटॉमिक इनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एईआरबी) से लाइसेंस नहीं मिलना भी शामिल है। हालांकि एमजीएम के प्राचार्य ने पूर्व में इसके लिए एईआरबी को आवेदन देने की जानकारी केंद्र को दी थी। केंद्र ने दो भौतिक विज्ञानियों के पद सृजन और नियुक्ति नहीं होने की भी बात उठाई है।