JAMSHEDPUR: लौहनगरी में सरकारी योजनाएं कछुए की चाल से चल रही हैं। आठ साल पहले शहर को कैं सर अस्पताल बनाने का दिखाया गया सपना पूरे आठ साल पूरे होने पर भी परवान नहीं चढ़ सका है। इन आठ सालों में प्रशासन अस्पताल के लिए जमीन ही चिन्हित कर पाया है। कैंसर अस्पताल कब बनेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं। यह हकीकत महात्मा गांधी मेमोरियल(एमजीएम) मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रस्तावित कैंसर अस्पताल की है। कोल्हान में प्रतिवर्ष कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने 2011 में 50 बेड के अस्पताल खोलने की मांग सरकार से की थी। केंद्र व राज्य सरकार की मदद से खुलने वाले इस अस्पताल के लिए दिसबंर 2016 में बैठक दिल्ली में सम्पन्न हुई थी। जिसके बाद से कैंसर अस्पताल बनाने को लेकर कोई भी आदेश विभाग को नहीं मिला है। अधिकारियों ने बताया कि कैंसर अस्पताल बनाने के लिए एमजीएम कॉलेज परिसर में सात हजार स्क्वायर फीट जगह का चयन किया गया है। लेकिन आठ साल बाद भी कैंसर अस्पताल का निर्माण भी शुरु नहीं हो सका हैं।

ढूंढे जा रहे मेडिकल फिजिसिस्ट

कैंसर अस्पताल खोलने के लिए पांच साल से मेडिकल फिजिसिस्ट ढूंढे जा रहे है। मेडिकल फिजिसिस्ट नहीं मिल पाना बड़ी समस्या है। इसी वजह से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। राज्य सरकार की ओर से दो मेडिकल फिजिसिस्ट की नियुक्ति कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना है, जिसे अबतक नहीं भेजा जा सका है। चिकित्सकों की सलाह के अनुरूप मशीन पर डोज सेट कर रेडियेशन देने का काम मेडिकल फिजिसिस्ट ही करते हैं।

कैंसर के तीन हजार नए रोगी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की नेशनल कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार हर साल एक लाख में 52 पुरुष व 68 महिलाएं कैंसर से प्रभावित होती हैं। इसके अनुरूप कोल्हान में प्रतिवर्ष तीन हजार लोग कैंसर के शिकार होते हैं। इनमें से अधिकांश रोगियों को रेडियोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है।

दो मंजिला होगा भवन

एमजीएम कॉलेज प्रबंधन ने इस अस्पताल को लेकर एक प्रारंभिक नक्शा तैयार किया है। दो मंजिला भवन के ग्राउंड फ्लोर में ओपीडी, थेरेपी सेंटर, वेटिंग हॉल, रिकॉर्ड रूम सहित अन्य सुविधाएं होंगी। ऊपर 50 बेड का वार्ड होगा। इसमें 25 बेड महिलाओं व 25 पुरुषों के लिए होंगे।

कैंसर अस्पताल खोलने की प्रकिया चल रही है। मेडिकल फिजिसिस्ट की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया है। अस्पताल खुलने से कैंसर रोगियों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।

- डॉ। एसी अखौरी, प्रिंसिपल, एमजीएम।