80 फीसद मरीजों की बच सकती है जान

67 हजार महिलाओं की हर साल मौत

11 साल की उम्र में जरूर लगवाएं टीका

-सभी महिलाओं की सवाईकल व अन्य कैंसर के लिए अनिवार्य हो स्क्रीनिंग

-अधिक या बहुत कम ब्लीडिंग भी है खतरनाक, डॉक्टर से कराएं जांच

LUCKNOW:

अनियमित जीवनशैली और पैक्ड व प्रोसेस्ड फूड के अधिक इस्तेमाल से गाइनीकोलॉजिकल कैंसर की समस्या बढ़ी है। यदि महिलाओं की समय पर जांच हो और बीमारी पकड़ में आ जाए तो 80 फीसद मरीजों की जान इलाज कर बचाई जा सकती है। जल्द जांच और पहचान के लिए जरूरी है कि सरकार सीएचसी स्तर पर ही इसकी जांच की सुविधा शुरू करे। भारत में ही हर साल 67 हजार महिलाओं की कैंसर से मौत होती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस नई दिल्ली की आब्स एंड गाइनी विभाग की एचओडी डॉ। शालिनी राजाराम ने संडे को यह जानकारी दी। वे गाइनीकोलॉजिकल आंकोलॉजी विषय पर आयोजित कांफ्रेंस में बोल रही थीं।

देश में लगातार बढ़ रहे मरीज--फोटो

देशभर में लगातार सर्वाइकल कैंसर, यूटेरस और ओवेरियन कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। समय पर जांच और इलाज के लिए जरूरी है कि इनकी जल्दी पहचान हो। 11 से 13 साल की उम्र में बच्चियों को कैंसर से बचाव केलिए अनिवार्य रूप से टीकाकरण किया जाए। यह छह माह में दो बार लगता है लेकिन यह काफी महंगा है। इसलिए सरकार इसे अपने राष्ट्रीय प्रोग्राम में शामिल कर फ्री लगाए। इससे बड़ी संख्या में महिलाओं को कैंसर से बचाया जा सकेगा। इसके लिए हम केंद्र व राज्य सरकारों को ज्ञापन भेज रहे हैं।

डॉ। शालिनी राजाराम

बच्चे नहीं तो कैंसर का खतरा- फोटो

जिन महिलाओं के बच्चे नहीं हो रहे हैं या जो बच्चों को जन्म नहीं दे रही हैं उन्हें सतर्क रहना चाहिए। पाचन ठीक न होने, पेट फूलने, दुर्गध के साथ श्राव होने पर डॉक्टर की सलाह से अल्ट्रासाउंड करा कर जांच कराएं। जिससे समस्या शुरुआत में ही पकड़ में आ जाए। बीमारी पकड़ में आने पर उसे सर्जरी और कीमोथेरेपी की सहायता से ठीक किया जा सकता है। इसलिए समय पर डॉक्टर से संपर्क करें इसे छिपाएं नहीं।

डॉ। अमिता महेश्वरी, मुंबई

फैमिली हिस्ट्री होने पर रहें सतर्क-फोटो

जिन महिलाओं में मासिक अनियमित हों उन्हें सतर्क रहना चाहिए और समय पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कम या बहुत अधिक ब्लीडिंग भी गंभीर बीमारी का कारण हो सकती है। ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क कर अपनी जांच कराएं। अल्ट्रासाउंड और कुछ ब्लड टेस्ट कराने जरूरी हैं। जिनसे कैंसर होने पर जल्दी पता चल सके। यदि परिवार में किसी को कैंसर रहा है तो ऐसी महिलाओं को अधिक सतर्क रहना चाहिए। फैमिली हिस्ट्री होने पर सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता है।

डॉ। निशा, केजीएमयू