नीरज के फैमिली मेंबर्स के साथ ही उसके फ्रेंड्स, कुलीग्स, रिलेटिव्स अपने-अपने तरीके से न्याय की मांग कर रहे हैं। ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, हर तरफ पब्लिक का एजिटेशन सामने आ रहा है। जगह-जगह कैंडिल मार्च, धरना, पुतला दहन और दूसरे माध्यम लोग अपना विरोध जता रहे हैं। उनकी मांग है कि पूरा केस रीविजिट किया जाए और हर एक पहलू, सुबूत और हालात को देखकर ही डिसिजन दिया जाए। फेसबुक और ट्विटर पर इस मामले में कानपुराइट्स के साथ से पूरे देश से जबर्दस्त कमेंट्स आ रहे हैं।

Candle march

शाम छह बजे नीरज ग्रोवर के घर से किदवईनगर साईं मंदिर तक कैंडिल मार्च निकाला  गया और नीरज ग्रोवर को श्रद्धांजलि दी गई। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से आयोजित मार्च में फैमिली मेंबर्स के  साथ सिटी के बहुत सारे लोग शामिल थे। सभी नीरज के लिए न्याय की मांग कर रहे थे। उनका कहना है कि केस रीविजिट हो.

Release नहीं होने देंगे film

संडे को यूथ फॉर यूथ ग्रुप ने नमक फैक्ट्री चौराहे पर राम गोपाल वर्मा व मारिया का पुलता फुंका। ग्रुप के प्रेसीडेंट गौरव ने कहा कि रामगोपाल वर्मा मारिया को लेकर फिल्म बनाने की सोच भी कैसे सकते हैं। ऐसा करना कानपुराइट्स के दिलों पर नमक छिडक़ने जैसा है। रोहित, अमित, आशुतोष, प्रिंसी, राहुल आदि ने कहा कि रामगोपाल वर्मा की इस फिल्म का एक पोस्टर भी कानपुर में नहीं लगने देंगे। अगर पोस्टर कानपुर में लगा तो उसको वहां से हटा दिया जाएगा। फिर इसके लिए चाहें कुछ भी करना पड़े। जिस नीरज ग्रोवर उर्फ गिन्नी का मर्डर 7 मई 2008 को मुंबई में हुआ था वो लगभग पौने तीन साल और जिंदा रहा। सुनकर हैरानी होती है ना लेकिन यह सच है। लोग उससे बात भी करते थे, वापस आने की मिन्नतें भी करते थे और कभी-कभी उस पर गुस्सा भी हो जाते थे। तो कौन था यह नीरज? आइए मिलते हैं इस नीरज से.

Digital avtar

मर्डर के बाद ये नीरज ग्रोवर की वर्चुअल लाइफ थी। जी हां, ऑरकुट पर नीरज का डिजिटल अवतार। यहां उसकी मौत के बाद भी उसकी बहनें, उसके दोस्त, पुराने साथी लगभग रोज आकर उसे पुकारते और अपने दिल की बात उससे करते। नीरज की यह वर्चुअल लाइफ सन 2006 में शुरू हुई थी। शुरुआत में दिल्ली में बिताए उसके दिनों का जिक्र है और फिर यह सफर उसे मुंबई तक ले गया। मगर, जो दिन सबसे ज्यादा हैरान करते है वो उसके मर्डर के बाद वाले हैं.