RANCHI : फेडरेशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चुनावों की तारीखों के एलान के साथ ही संभावित दावेदारों का पाला बदलने का खेल शुरू हो चुका है। उम्मीदवार ऐसी टीम में अपना ठिकाना तलाश रहे हैं जहां उनकी जीत की गारंटी ज्यादा से ज्यादा हो। दो दिनों पूर्व आरडी सिंह टीम से चुनाव लड़ने का मन बनाने वाले राहुल साबू, काशी प्रसाद कन्ओई और मनीष सर्राफ ने पलटी मारते हुए दीपक मारू की टीम में शामिल हो गए हैं। हालांकि हर बार के चुनावों में राहुल साबू और काशी प्रसाद कन्ओई चुनाव जीतते रहे हैं, लेकिन मनीष सर्राफ के लिए यह अग्नि परीक्षा होगी।

उठाए कई सवाल

दीपक कुमार मारू के खिलाफ आरडी सिंह मैदान में हैं। उन्होंने उम्मीदवारों के पाला बदलने को लेकर कहा कि वे अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दीपक मारू की टीम का हिस्सा बने हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास को अगर देखा जाए तो पिछले पांच सालों से ऐसी ही टीमें चुनावों में जीतती रही हैं जिनका अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन सत्तासीन कमेटी का होता है। उन्होंने निर्वाचन पदाधिकारी ललित केडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीते कई सालों से ललित केडिया निर्वाचन अधिकारी रहे हैं और आखिरी दौर में ही बकाया फीस जमा करवा कर वोटिंग का खेल होता है।

उत्सव की तरह है चुनाव

व्यवसायी मनोज बजाज का कहना है कि चैंबर चुनाव एक उत्सव की तरह है जहां दोस्ताना संघर्ष होता है। नामांकन के पूर्व तक कंडीडेट अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं। इसे लेकर किसी भी प्रकार को आरोप लगाना इसलिए उचित नहीं होगा कि चेंबर चुनाव सालाना उत्सव जैसा हैं जहां सब अपने हैं और अपनों में से ही सर्वश्रेष्ठ को चुनना है।

टीमों का क्या है एजेंडा

दीपक मारू टीम

1-सिंगल विंडो सिंस्टम करेंगे दुरुस्त

राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम तो है, लेकिन वह कारगर नहीं हो पा रहा है। एक काम के लिए कई विभागों के चक्कर काटना और भ्रष्टाचार से आजीज होकर उद्यमी अपने प्रोजेक्ट से हाथ खींच रहे हैं। यह कहना है चेंबर चुनाव में अध्यक्ष पद के दावेदार दीपक कुमार मारू का। उनका कहना है कि ईज ऑफ डूंईग बिजनेस के तहत उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की नीतियों में कई खामियां हैं जिसे दूर करवाना है। परिवहन विभाग की भी कई समस्याएं हैं वहां भी सिंगल विंडो सिस्टम लागू होना चाहिए।

2- चैंबर को सरकार से दिलाएंगे जमीन

सरकार स्मार्ट सिटी बना रही है, वहां चैंबर को जमीन उपलब्ध कराए ताकि वहां स्टेप ऑफ आर्ट के रूप में एग्जीबिशन सेंटर की स्थापना हम कर सकें। हमारी सोच है कि वहां 4-5 कांफ्रेंस हॉल का निर्माण कराया जाए ताकि स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रमों को दिशा दी जा सके। दीपक मारू का कहना है कि यूथ ब्रेन को पलायन से रोकना होगा नहीं तो आने वाले सालों में झारखंड से युवा अन्य प्रदेशों में शिफ्ट हो जाएगा।

आरडी सिंह टीम

1-औद्योगिक-वाणिज्यिक विकास प्राथमिकता

आरडी सिंह चेंबर चुनाव में एक ऐसी शख्सियत हैं जो बीते कई चुनावों में जीतते रहे हैं। उनकी सोच झारखंड में मोबाईल सेक्टर की स्थापना करना है। आरडी सिंह कहते हैं कि मोबाईल सेक्टर अगर झारखंड में आ जाता है तो बड़े पैमाने पर रोजगार की संभावनाएं पैदा होंगी साथ ही औद्योगिक विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड को अलग हुए करीब 19 साल होने को हैं। व्यवसायियों की समस्या मुंह बाए खड़ी हैं।

2-दूर करेंगे कारोबारियों की परेशानी

उद्यमियों के साथ एमओयू हो रहा है उलेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। सरकार की नीतियों में बदलाव तो होता है लेकिन वह कारगर नहीं है। एनर्जी सेक्टर में कई एमओयू हुए लेकिन काम अब तक लटका हुआ है। आरडी सिंह का कहना है कि मुश्किलें बहुत हैं एक ही काम के लिए फाईलें बाबूओं के टेबल का चक्कर काटती रहती हैं। सिंगल विंडो सिस्टम ध्वस्त हैं। ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।