कैंडिडेट्स को झटका

सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों के कैंडिडेट्स एक बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई भी कैंडिडेट अपने नामांकन के समय अगर अपना क्रिमीनल बैकग्राउंड, एजुकेशनल क्वॉलीफिकेशन और संपत्ति एवं देनदारियों के बारे में जानकारी के लिए दिए गए कॉलम को खाली छोड़ता है तो उसे डिसक्वॉलीफाई किया जा सकता है.

बाद में भी हो सकते हैं डिसक्वॉलीफाई

जस्टिस सुरिंदर सिंह निज्जर (अब रिटायर) और जस्टिस एके सीकरी की बेंच ने हाल ही में अपने फैसले में कहा कि, 'अगर गलत सूचना या फैक्चयुल जानकारी को दबाने का मामला सामने आता है तो कैंडिडेट को बाद में भी डिसक्वॉलीफाई किया जा सकता है.' कोर्ट ने कहा कि जांच के स्तर पर रिटर्निंग अधिकारी ही नामांकन खारिज कर सकता है. लेकिन अगर कोई सूचना छिपाई गई या गलत सूचना दी गई तो अदालत में चुनाव याचिका के जरिए डिटेल्ड जांच होगी और फैसला लिया जाएगा. कैंडिडेट्स को जानकारी देनी होगी और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें डिसक्वॉलीफाई किया जा सकता है.

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