-कैंट स्टेशन का सर्कुलेटिंग एरिया बना इंक्रोचमेंट का अड्डा

-वाहन स्टैंड से हो रहा अवैध वाहनों का संचालन

-मेन एंट्री प्वॉइंट पर ठेले-खोमचे वालों की भी भरमार, पैसेंजर्स परेशान

VARANASI

कैंट रेलवे स्टेशन व‌र्ल्ड क्लास कब तक बन पायेगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इसका सत्यानाश जरुर हो रहा है। स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में एंट्री करते ही इसका एहसास हो जाएगा। किसी भी एंगल से यह सर्कुलेटिंग एरिया नहीं लगता। यहां बिना बंदिश के बेतरतीब दो व चार पहिया वाहन खड़े मिल जाएंगे तो ऑटो व कबाड़ इसकी शोभा बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऊपर से कैंपस में चल रहे डेवलपमेंट वर्क के बिखरे मलबे तो सर्कुलेटिंग एरिया के खूबसूरती को चौपट कर दे रहे हें। इससे पैसेंजर्स के साथ ही स्टेशन आने-जाने वालों को परेशानी हो रही है। वहीं स्टेशन के मेन एंट्री प्वॉइंट पर ठेले व खोमचे वालों के कब्जा कर लेने से लखनऊ डिवीजन का यह बड़ा स्टेशन दरबे जैसा लगता है। एंट्री प्वॉइंट के जाम रहने से आए दिन बुजुर्ग, महिलाओं व पैसेंजर्स को चोट भी लग जाती है। इसके लिए जिम्मेदार रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन, जीआरपी व आरपीएफ के जवान मूकदर्शक बने रहते हैं।

बना डाला कबाड़

स्टेशन एरिया में सिक्योरिटी के नाम पर जीआरपी व आरपीएफ के जवान बार-बार मॉकड्रिल करते हैं, लेकिन सर्कुलेटिंग एरिया से अवैध वाहनों के हो रहे संचालन पर किसी की नजर नहीं है। यही नहीं एंट्री प्वॉइंट्स पर अवैध अतिक्रमण के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाता। सूत्रों के मुताबिक पुलिस की मिलीभगत से सर्कुलेटिंग एरिया सब्जी मंडी सरीखा बना हुआ है। कैंपस में जहां-तहां खड़े वाहनों व एंट्री प्वॉइंट के आसपास खड़े ठेले-खोमचों से अवैध रूप से धनउगाही होती है जबकि स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में एक टू व्हीलर, फोर व्हीलर व ऑटो स्टैंड बनाए गए हैं। छुट्टा पशु व बाहरी लोगों का भी सर्कुलेटिंग में जमावड़ा रहता है।

हर तरफ वाहन

कैंट स्टेशन के एंट्री प्वाइंट से जैसे ही कोई वाहन सर्कुलेटिंग एरिया में एंट्री करता है। उसके पीछे-पीछे एक-दो लोग वसूली के लिए दौड़ने लगते हैं। वाहन मालिक ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में पूछते भी नहीं कि वाहन पार्किंग के लिए कितने रुपये लिए जा रहे हैं। मेन बिल्डिंग के सामने, पार्सल ऑफिस, रिजर्वेशन सेंटर, यात्री आश्रय, हेल्थ यूनिट आदि के सामने 24 घंटे वाहन खड़े रहते हैं। सबसे बुरा हाल जीआरपी बूथ के पीछे कार पार्किंग का है। आरपीएफ के इंस्पेक्टर के मुताबिक आए दिन मेन एंट्री प्वॉइंट के आसपास से ठेले-खोमचे हटाये जाते हैं। बाहरी ओर रोड पर सिगरा थाना है। इसको हटाने के लिए सिगरा पुलिस को आगे आना होगा।

अवैध वाहनों का होता है संचालन

लाखों रूपये खर्च कर रेलवे ने कैंट स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया को मेट्रो सिटीज की तरह नया लुक दिया। लेकिन सिक्योरिटी की जिम्मेदारी निभा रहे जवानों ने इसकी ऐसी-तैसी कर दी। जिस एरिया में स्टेशन आने व जाने वाले पैसेंजर्स व परिजनों के फोर व्हीलर के लिए स्टैंड बना है आज वह अवैध वाहनों का स्टैंड बन गया है। यहां से मुगलसराय के लिए डग्गामार वाहनों का संचालन होता है। जीआरपी व आरपीएफ की नाक के नीचे फल फूल रहे इस धंधे के चलते लोग अपने वाहनों को बेतरतीब पार्क कर देते हैं। जिससे पैसेंजर्स को कैंपस में आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इससे जीआरपी व आरपीएफ का कोई लेना देना नहीं है। वे सीधे एक दूसरे पर आरोप मढ़कर अपना दामन बचा लेते हैं।

पार्क हुआ तहस-नहस

मेट्रो सिटीज की तर्ज पर कैंट स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया को हरा-भरा करने के लिए रेलवे ने यहां बकायदा पार्क बनाया। उसमें तरह-तरह के पौधे भी लगा दिए गए, लेकिन आज ये अपने हाल पर आंसू बहा रहे हैं। यहां लगे पौधे या तो सूख गए या उन्हें अवैध वाहनों का संचालन करने वालों ने तहस-नहस कर दिया। छह महीने में हरियाली फैलाने का दावा भी हवा हवाई हो गया।

मलबा बिगाड़ रहा खूबसूरती

इधर दो सालों से कैंट स्टेशन कैंपस में चल रहे डेवलपमेंट वर्क का सारा मलबा सर्कुलेटिंग एरिया में ही यहां वहां बिखरा पड़ा है। वहीं बची हुई जगह पर कांट्रैक्टर मैटेरियल भी गिरा दिए हैं। जिससे स्टेशन आने-जाने वालों को परेशानी हो रही है। वहीं खूबसूरती भी बिगड़ रही है.खास बात यह कि जिम्मेदार भी आंख मूंदे हुए हैं।

सर्कुलेटिंग एरिया में इंक्रोचमेंट किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले की जांच कराई जाएगी। ऐसे में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

सतीश कुमार, डीआरएम

नॉर्दन रेलवे, लखनऊ