तीन दिन में तीन फांसी

लश्कर ए झांगवी के सदस्य अताउल्ला, मोहम्मद आजम और जलाल को सुक्कुर सेंट्रल जेल में 20, 21 और 22 को फांसी दी जाएगी. समाचार पत्र डॉन के मुताबिक आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. इसके तहत फांसी के मामलों को तेजी से निपटाया जा रहा है. पाकिस्तान में 450 फांसी के मामले लंबित हैं. हालांकि टीटीपी ने सरकार को इसके परिणाम भुगतने की धमकी दी है.

फांसी हुई तो होगा युद्ध

टीटीपी ने दक्षिण पंजाब प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कबायली इलाकों में एक इश्तेहार के माध्यम से सरकार को धमकी दी है कि यदि सरकार ने जेल में बंद उनके साथियों को फांसी की सजा दी तो उनके साथ युद्ध करना होगा. इसके बावजूद पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ने आतंकवादियों का जाम खत्म करने के लिए फांसी की सजा देने का फैसला लिया है.

30 जून तक लगी थी रोक

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कार्यकाल में राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद 2008 से पाकिस्तान में फांसी की सजा पर रोक लग गई थी. राष्ट्रपति के फैसले की मियाद 30 जून को खत्म हो गई. सत्ता में आने के बाद पीएमएल-एन ने फांसी की सजा वाले लंबित मामलों को तेजी से निपटाने का फैसला किया है. इसमें आतंकियों से जुड़े मामले सरकार की प्राथमिकता में है.

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