मनकामेश्वर मंदिर के पास नदी में समाई नाव, तीन की मौत, पांच लापता

महाराष्ट्र से संगम तट पर अस्थि विसर्जन के लिए आया था परिवार

छह को जिंदा बचाया गया, डूबे अन्य की तलाश देर रात तक जारी

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PRAYAGRAJ: महाराष्ट्र से संगम तट पर अस्थि विसर्जन के लिए आये एक परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। संगम तट पर अस्थि विसर्जित करके लौटते समय मनकामेश्वर मंदिर के समीप नाव यमुना नदी में समा गयी। नाव पर कुल 16 लोगों का सवार होना बताया गया है। इसमें से छह लोगों को जिंदा बचा लिया गया जबकि तीन को जब तक बाहर निकाला जाता, वे दम तोड़ चुके थे। बाकी सभी लापता थे। समाचार लिखे जाने के समय तक इनकी तलाश में आर्मी के जवानों के साथ कुंभ मेला और लोकल पुलिस के साथ गोताखोर लगे हुए थे। हादसे की सूचना पर एसएसपी नितिन तिवारी, कुंभ एसएसपी कविन्द्र प्रताप सिंह व जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गये। स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में प्रशासन और पुलिस का सहयोग करने में जुटे थे।

एक साल बाद लेकर आये थे अस्थि

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के नया गांव थाना क्षेत्र स्थित रहनार कोलंबी गांव निवासी कौशबाई दिगंबर राव वैश की करीब एक साल पहले मौत हो गई थी। 15 दिसंबर को कौशबाई की बरसी थी। बरसी से पहले ही परिवार उनकी अस्थियों को संगम में विसर्जित करने के लिए निकला था। पति दिगंबर रामराव वैश अपने बेटे बालाजी, रमेश समेत कुल 14 रिश्तेदारों के साथ प्रयागराज पहुंचे थे। रविवार को ही यहां पहुंच गये थे। सोमवार शाम करीब चार बजे सभी लोग गऊघाट से नाव पर सवार हुए। उनके साथ नाविक के अलावा एक पुरोहित भी था। संगम तट पर विधिवत पूजन के बाद अस्थियां विसर्जित करने के बाद सभी गऊघाट लौट रहे थे।

नाव की सतह में हो गया था छेद

घटना शाम करीब पौने सात बजे की है। नाव मनकामेश्वर मंदिर के आसपास पहुंची थी तभी उसमें पानी भरना शुरू हो गया। इस पर सवार लोगों ने नाविक से इसके बारे में बताया लेकिन उसने इग्नोर कर दिया। इसके बाद कुछ ही दूर आगे जाने के बाद नाव नदी में समाने लगी। खतरा भांप कर नाविक व पुरोहित के साथ कुछ लोग तैरकर बाहर आ गए। डूब रहे लोगों की चीख-पुकार सुनकर मनकामेश्वर मंदिर के पास मौजूद लोग घाट के पास पहुंचे और पुलिस को खबर दी। कुछ ही देर में जल पुलिस और सेना के जवान आ गए। किसी तरह कच्छवे अंगद नारायण, केशव ज्ञानोभा कच्छवे, ज्योति बालाजी वैश, सुनीता देवीदास कच्छवे, मनोहर वैश और मीनाक्षी को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। तीन महिलाओं की मौत हो जाना बताया गया है। पांच लोग लापता बताये गये हैं। इनकी तलाश में यमुना नदी में जाल डाला गया था लेकिन देर रात तक कोई कामयाब हाथ नहीं लगी थी।

नाविक और पुरोहित भाग खड़े हुए

नाव के डूबने का खतरा पैदा होने पर नाविक और पुरोहित अस्थि विसर्जन करने आए लोगों को छोड़कर भाग खड़े हुए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। पता चला कि दोनो तैरकर बाहर आने के बाद भाग खड़े हुए। लापता दिगंबर रामराव वैश रिटायर्ड शिक्षक हैं और उनका बेटा बालाजी नागपुर में सिविल इंजीनियर है। दूसरा बेटा रमेश भाजपा का स्थानीय नेता है। अंगद नारायण ने बताया कि दिगंबर रामराव का दामाद देवीदास, बाबूराव रामचंद्र सिसौदिया भी लापता हैं।

सेना ने बढ़ाया मदद को हाथ

देर शाम हादसे की सूचना लोगों से मिलते ही सेना के अधिकारी अपने जवानों के साथ घटनास्थल के लिए दौड़ पड़े। जवानों ने जल पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर बचाव कार्य शुरू किया। यमुना के बीचों बीच हादसा होने के कारण बचाव कर्मियों को काफी दिक्कत हुई। गहराई ज्यादा होने की वजह से श्रद्धालु मदद के लिए जोर जोर से चिल्ला रहे थे। दूसरी तरफ अंधेरा होने के कारण हादसे की स्थिति और पानी में फंसे लोगो को बचाने में काफी मुश्किलें आयी।