- चुनावी चेकिंग के नाम पर प्रॉपर्टी कारोबारी से लूट की वारदात में प्रयुक्त की गई थी गढ़वाल आईजी की सरकारी गाड़ी

- 4 अप्रैल को आईजी की कार में सवार तीन पुलिस कर्मियों द्वारा दिया गया था वारदात को अंजाम

- मामले में एक दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मी व साजिशकर्ता पहले ही किए जा चुके अरेस्ट

देहरादून,

चुनावी चेकिंग के नाम पर प्रॉपर्टी कारोबारी से लूट की वारदात में इस्तेमाल की गई गढ़वाल आईजी की सरकारी स्कॉर्पियो पुलिस ने सीज कर दी है. डालनवाला थाने में आईजी की कार खड़ी की गई है. हालांकि, लूटा गए कैश का अभी तक एसटीएफ को कोई सुराग नहीं मिला है. वहीं सैटरडे को आरोपियों की बेल कोर्ट ने खारिज कर दी है. इस मसले पर एसटीएफ के उच्चाधिकारी बयान देने से बचते रहे, एसटीएफ की डीआईजी का मोबाइल स्विच ऑफ रहा.

आईजी की कार में सवार होकर लूटा

वारदात 4 अप्रैल की है. गढ़वाल आईजी की सरकारी स्कॉर्पियो में सवार होकर एक दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों ने चुनावी चेकिंग के नाम पर प्रॉपर्टी कारोबारी अनुपम शर्मा से कैश से भरा बैग लूट लिया था. वारदात में आईजी का ड्राइवर हिमांशु भी शामिल था. इसके अलावा सिपाही महेश अधिकारी और दरोगा दिनेश नेगी ने वारदात को अंजाम दिया. मामला खुला तो 10 अप्रैल को डालनवाला थाने में लूट और षडयंत्र की एफआईआर दर्ज कर तीनों पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए थे. 12 अप्रैल को मामले की इन्वेस्टिगेशन एसटीएफ को सौंप दी गई. आरोपी और संदिग्ध शुरुआत में एसटीएफ की पूछताछ में मदद नहीं कर रहे थे. वारदात वाले दिन सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुए वीडियो फुटेज, आरोपियों की कॉल डिटेल्स और न्यूज पेपर्स की कटिंग एसटीएफ के लिए मददगार बनीं.

आईजी की कार सीज, थाने में खड़ी की

लूट कांड के मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आए दरोगा दिनेश नेगी की कॉल डिटेल्स को सामने रखकर पूछताछ की गई तो आरोपी अपनी करतूतें कबूलते चले गए. आईजी के ड्राइवर हिमांशु और पुलिस के घुड़सवार महेश भी फंस गए. इस पर एसटीएफ ने 16 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सैटरडे को पुलिस ने घटना में प्रयुक्त आईजी गढ़वाल की सरकारी स्कार्पियो गाड़ी को भी उठा लिया, कार सीज करके डालनवाला थाने में खड़ी कर दी गई है.

अब कैश की तलाश बड़ा चैलेंज

पुलिसकर्मियों द्वारा अंजाम दी गई इस वारदात में लूट के कैश का अभी तक पता नहीं चल पाया है. एसटीएफ मामले की जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि कैश एक बैग में रखा था. आरोपियों ने पूछताछ में बैग को लेकर अभी तक कोई भी इनपुट एसटीएफ को नहीं दिया है. एसटीएफ के सामने अब सबसे बड़ा चैलेंज बैग और कैश को बरामद करना है.

आरोपियों की बेल अपील खारिज

सैटरडे को लूट के आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान आरोपियों द्वारा बेल की अपील की गई जिसे सीजेएम विवेक श्रीवास्तव की कोर्ट ने खारिज कर दिया. स्टेट की ओर से पैरवी करते हुए संयुक्त निदेशक विधि जयपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि तकनीकी साक्ष्यों से यह बात पुख्ता हो चुकी है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने प्रॉपर्टी डीलर से लूट की, जबकि इन तीनों की न तो वहां ड्यूटी थी और न ही उन्हें इस तरह की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. चेकिंग के बाद तीनों ने किसी को जानकारी भी नहीं दी, इससे ही मंशा संदिग्ध हो जाती है. ऐसे में विवेचना होने तक आरोपियों को बेल न दी जाए. इधर बचाव पक्ष के वकीलों ने इसे पूरे प्रकरण को साजिश करार दिया. कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद आरोपियों की बेल अपील खारिज कर दी.

सरकार को भी लाखों का चूना

वारदात आईजी की स्कॉर्पियो कार में सवार होकर की गई थी, ऐसे में कार सीज कर दी गई है. अब जब तक इस केस का पटाक्षेप नहीं होता कार छूट नहीं सकती. ऐसे में लाखों रुपए की इस लग्जरी कार का सरकारी उपयोग नहीं हो पाएगा. जाहिर है आरोपियों ने सरकारी कार का उपयोग करके वारदात को अंजाम देकर सरकार को भी लाखों का चूना लगाया.