पटना के जेल में था बंद
अजीत कुमार इस गिरोह का सरगना है। वह पटना के कंकड़बाग स्थित नालंदा कॉलोनी का रहनेवाला है। वहीं पुलिस ने उसके सहयोगी दीपक कुमार को अरेस्ट किया है। उसका वैशाली लालगंज में होटल है। जानकारी के मुताबिक, अजीत कुमार ने वर्ष 2007 में पटना में फिरौती वसूलने के लिए एक बच्चे का अपहरण किया था। इस मामले में वह चार साल पटना के बेऊर जेल में बंद था। साल 2011 में वह जेल से छूटा था। इंस्पेक्टर मनीष चंद्र लाल ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि जेल से बाहर आने के बाद अजीत अपने सहयोगियों के साथ लग्जरी गाडिय़ों को चुराने का काम करता था। वह पहली बार रांची आया था और चोरी की घटनाओं को अंजाम देनेवाला था। इसी क्रम में वह पकड़ा गया।

पांच दिनों से कर रहा था रेकी
बताया जाता है कि अजीत अपने गिरोह के मेंबर्स दीपक कुमार और अन्य के साथ पांच दिनों से रांची में था और रेकी कर रहा था। पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि अशोक नगर एरिया में बड़े-बड़े ऑफिसर रहते हैं। उनके पास लग्जरी गाडिय़ां रहती हैं, जिनकी कीमत बाजार में अन्य गाडिय़ों की कीमत से बहुत  ज्यादा है। उसी उन लग्जरी गाडिय़ों को टपाने की योजना थी।

बूटी मोड़ से पकड़ाए थे शार्प शूटर्स
17 जनवरी, 2013 को ऐसे ही दो शार्प शूटरों को लालपुर पुलिस ने मोतीहारी पुलिस की मदद से बूटी मोड़ के डुमरदगा स्थित एक मकान से अरेस्ट किया था। दोनों शार्प शूटरों पर लगभग एक दर्जन कांड दर्ज थे। पुलिस ने इस मामले में संतोष झा (शिवहर) और मुकेश पाठक (मोतिहारी) को अरेस्ट किया था। दोनों शार्प शूटर बिहार के मोकामा के नागा गिरोह से संबंध रखते थे। शार्प शूटर संतोष झा रांची में नाम बदल कर रह रहा था। उसने मकान मालिक को अपना नाम कौशल कुमार बताया था। कौशल कुमार के नाम से उसने पैन कार्ड भी बनवाए थे। तीन महीने से दोनों शूटर रांची में रह रहे थे। पुलिस ने दोनों को नक्सली कांडों में जेल भेजा था। संतोष को वर्ष  2004 में पटना की जक्कनपुर थाना पुलिस ने भारी मात्रा में डेटोनेटर के साथ पकड़ा था। इनके खिलाफ मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर व मोतिहारी में कई मामले दर्ज थे।

पकड़ाया था गैंग रेप का आरोपी
14 जनवरी, 2012 को डोरंडा थाना एरिया में डोरंडा पुलिस की मदद से ओडि़सा पुलिस ने गैंगरेप के दो आरोपियों को अरेस्ट किया था। दोनों आरोपी रहमतनगर में छिपकर रहते थे। पकड़े गए लोगों में मो शिब्बानी और मो ताबिल हैं। इन दोनों पर एक युवती के साथ गैंगरेप का आरोप था। कांड को अंजाम देने के बाद रांची आ गए थे और यहां किराए के मकान में रहते थे।