- पारा में बुद्धेश्वर ओवरब्रिज उतरते वक्त हादसा

- ड्राइवर समेत चार कार सवार घायल, ट्रॉमा सेंटर में एडमिट

LUCKNOW : पारा के बुद्धेश्वर ओवरब्रिज से उतरते वक्त कार अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसा इतना भयावह था कि कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए और कार सवार रिटायर्ड डीआईजी सुनील वाजपेयी की पत्नी सुषमा (55) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि, ड्राइवर समेत चार कार सवार गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद कार सवार घायलों को बाहर निकालकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। जहां मृतका की बेटी की हालत नाजुक बताई जा रही है।

मायके से लौट रही थीं

अलीगंज स्थित सचिवालय कॉलोनी के करीब रहने वाले रिटायर्ड डीआईजी सुनील चंद्र वाजपेयी की पत्नी सुषमा वाजपेयी मंगलवार को भाईदूज मनाने कार से कानपुर के रामबाग स्थित मायके गई थीं। उनकी बेटियां रीना, पल्लवी और ईशा भी उनके साथ थीं। बुधवार सुबह सुषमा बेटियों संग वापस घर लौट रही थीं। कार को ड्राइवर रामबाबू ड्राइव कर रहा था। इसी दौरान जब उनकी कार पारा एरिया स्थित बुद्धेश्वर ओवरब्रिज को क्रॉस कर उतर रही थी, तभी ब्रिज के अंधे मोड़ पर रामबाबू ने अचानक कार पर से नियंत्रण खो दिया और कार अनियंत्रित होते हुए डिवाइडर से टकराकर पलट गई।

पुलिस ने भेजा हॉस्पिटल

टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए और कार सवार सभी लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार में फंसे सभी घायलों को बाहर निकालकर इलाज के लिये ट्रॉमा सेंटर भेजा। जहां डॉक्टर्स ने सुषमा वाजपेयी को मृत घोषित कर दिया। वहीं, उनकी बेटी रीना की हालत नाजुक बताई जा रही थी।

अंधा मोड़ बना ख्ाूनी मोड़

बीती 26 अक्टूबर को स्टाफोर्ड स्कूल की वैन चालक काकोरी निवासी आलोक कुमार यादव सामने से आ रही स्कार्पियो से टकरा गया था। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी तरह सितंबर महीने में बनी उन्नाव निवासी अजय यादव भी हादसे का शिकार हो गया था और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। आलमनगर के बादशाहखेड़ा निवासी गोविंद शर्मा ने भी इसी खूनी मोड़ पर हुए हादसे में अपनी जान गवां दी थी।

रोड डिजायनिंग में खामी

पारा स्थित बुद्धेश्वर ओवरब्रिज उतरते ही जिस जगह पर हादसा हुआ वह जगह हादसे के लिये बदनाम हो चुकी है। दरअसल, इसी अंधे मोड़ पर आए दिन एक्सीडेंट होते हैं और अब तक दर्जनों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। ओवर ब्रिज पर दुबग्गा की ओर की ढाल पर अवैध कटिंग होने से भी वाहन एक दम से दूसरे ट्रैक पर आ जाते हैं। जिससे सामने से आ रहे वाहनों को संभलने का मौका नहीं मिलता और वे हादसे का शिकार हो जाते हैं। ओवर ब्रिज के मोड़ पर संकेतक न लगे होने से भी वाहन चालक धोखा खा जाते हैं। रोड डिजायनिंग की खामी के चलते अक्सर हो रहे हादसों के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग ने इसे दूर करने की जहमत नहीं उठाई। जिससे वहां पर हादसों और मौतों का सिलसिला जारी है।