Customer ने मोड़ा मुंह

फेस्टिव सीजन क्या बीता, मार्केट की तो मुस्कान ही गायब हो गई। दीपावली के दौरान कुलाचे मारने वाले ऑटोमोबाइल और ज्वैलरी मार्केट को जैसे नए साल में किसी की नजर लग गई। बिजनेस में  इस गिरावट की वजह एक्स्पट्र्स क्लोजिंग सीजन और पेट्रो कीमतों को मान रहे हैं। मार्केट की धीमी रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जनवरी में ऑटोमोबाइल सेक्टर की सेल लास्ट ईयर के मुकाबले 10.10 परसेंट कम हुई, वहीं फरवरी में इसमें 18.96 परसेंट की कमी हो गई। ज्वैलरी मार्केट का कारोबार तो 70 परसेंट तक धड़ाम हो चुका है। ऑटोमोबाइल सेक्टर से तो लास्ट टू मंथ्स में जैसे कस्टमर्स ने मुंह ही मोड़ लिया है। इसका अंदाजा आरटीओ में रजिस्टर्ड व्हीकल्स की संख्या से भी लगाना आसान है। इस साल जनवरी में 3586 व्हीकल्स की सेल हुई, जबकि बीते साल इसी महीने में 3989 गाडिय़ां बिकी थीं। फरवरी की बात करें तो लास्ट ईयर के 4098 के मुकाबले आंकड़ा 3321 पर जा पहुंचा।

Two wheeler market भी down

फोर व्हीलर्स के साथ-साथ टू व्हीलर्स के मार्केट में भी जबरदस्त डाउनफाल है। टू व्हीलर्स के मार्केट में तो सेल जनवरी में लास्ट ईयर के 2993 बाइक की सेल से घटकर 2727 रह गई। स्कूटर की सेल 437 से घटकर 306 रह गई। फरवरी में तो कारोबार और गिर गया। इस दौरान मोटर साइकिल की सेल 3179 से घटकर 2515, स्कूटर की सेल 381 से घटकर 294 जा पहुंची।

Closing season की किचकिच

ऑटोमोबाइल शॉप ओनर्स की मानें तो बरेली में बिजनेस पर्सन ही ज्यादा हैं। जनवरी से ही बिजनेस और इंडस्ट्री में क्लोजिंग का समय शुरू हो जाता है, ऐसे में लोग जल्दी नए व्हीकल्स नहीं लेते हैं। वहीं इस बार आसमान छूती महंगाई से भी प्रॉफिट्स में भी कमी आई है, इसका असर भी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर पड़ा है।

Second best quarter

ऑटोमोबाइल सेक्टर के रेफरेंस में अगर पूरे फाइनेंशियल ईयर पर गौर करें तो सबसे अच्छा क्वार्टर अक्टूबर से दिसंबर को माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह फेस्टिव सीजन है। सेकंड बेस्ट क्वार्टर जनवरी से मार्च को माना जाता है, वहीं इसके बाद जुलाई से सितंबर और सबसे अंत में अप्रैल से जून के क्वार्टर को मार्केट के लिहाज से डाउन समझा जाता है। एक्सपट्र्स के मुताबिक, इस क्वार्टर की सेल ऐसी है तो नेक्स्ट क्वार्टर से तो उम्मीद लगाना भी बेमानी होगा। आंकडों पर गौर करें तो पिक्चर अपने आप क्लियर हो जाती है। लास्ट क्वार्टर में 10,287 व्हीकल्स की सेल हुई थी, वहीं प्रजेंट क्वार्टर में अब तक केवल 8,179 व्हीकल्स की बिके।

 

दाम कम होने का भी इंतजार

लास्ट वन मंथ में ज्वैलरी मार्केट का बिजनेस 25-30 परसेंट ही रह गया। बरेली सर्राफा मंडल के प्रेसीडेंट राजकुमार अग्रवाल की नजर में सबसे बड़ी वजह लास्ट थ्री मंथ्स में गोल्ड के रेट्स 32,800 से 29,600 रुपये पहुंचना है। इनके अनुसार, रेट्स में और कमी की उम्मीद से कस्टमर्स अपने हाथ रोक रखे हैं। दूसरी बड़ी वजह इस समय शुक्र का अस्त होना और सहालग का ना होना भी है। इनके मुताबिक आने वाले समय में गोल्ड के रेट्स बढ़ें या और कम हो जाएं तो भी सेल में इजाफे की संभावना है। रेट्स बढऩे की शुरुआत होने पर कस्टमर्स गोल्ड में इंवेस्ट करना शुरू कर देंगे, वहीं कम होने पर भी इंवेस्टमेंट की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

 

Last two months में गिर गई है sale

'लास्ट टू मंथ्स में शोरूम की सेल में काफी गिरावट आई है। आमतौर पर हम एक मंथ में 15-16 कार सेल करते हैं पर लास्ट मंथ्स में केवल 5-6 कार की सेल हुई हैं। उम्मीद है कि नेक्स्ट क्वाटर में सेल ठीक हो जाएगी.'

-अश्विनी कक्कड़, सेल्स मैनेजर, स्कॉडा

'शोरूम से सेल होने वाली कार में फिलहाल 10 परसेंट की कमी है। लास्ट मंथ में एवरेज 100 कार की बजाए 85 कार सेल की थीं। इस बार भी हमें सेल के लिए कस्टमर्स का वेट करना पड़ रहा है। इसकी वजह नेशनल डाउन फाल ही है.'

-नवनीत अग्रवाल, शोरूम ओनर, फॉक्सवैगन

'टू व्हीकल्स मार्केट में डाउनफाल का असर दिखाई दे रहा है। शोरूम से एवरेज के रूप में हर मंथ 350 बाइक्स सेल करते हैं, लास्ट मंथ में केवल 275 बाइक्स सेल की है। उम्मीद है कि नेक्स्ट मंथ कुछ रिलीफ मिल जाएगा.'

-मुदित अग्रवाल, शोरूम ओनर, होंडा

'ऑटो मोबाइल के मार्केट में यह डाउनफाल तीन साल के बाद आया है। इस बार तो लास्ट मंथ में सेल 10 परसेंट तक कम हो गई है। हम शोरूम से हर महीने 800 बाइक्स सेल करते हैं, इस बार तकरीबन 700 बाइक्स ही सेल हुई हैं। यह अंतर सभी बाइक्स पर आया है.'

-शरद अग्रवाल, शोरूम ओनर, बजाज

'हमारे शोरूम में कार की सेल में 40 परसेंट तक गिरावट आई है। फेस्टिव सीजन तक तो सब ठीक चल रहा था, पर ईयर इंड के बाद तो टारगेट एचीव करना भी मुश्किल है। फ्यूल रेट्स बढऩा भी बड़ी वजह है.'

-अभिषेक जैन, सेल्स मैनेजर, शेव्रले

'ऑटोमोबाइल मार्केट में डाउनफाल आया है पर यह सभी शोरूम्स के लिए लागू नहीं होता। मैंने अपने शोरूम में लास्ट फरवरी में लास्ट ईयर से 15 परसेंट एक्स्ट्रा सेल की है। यह सही है कि कुछ शोरूम्स में डाउनफाल हो रहा है.'

-सचिन भसीन, शोरूम ओनर, हुंडई

'गोल्ड मार्केट में सेल 25-30 परसेंट की ही रह गई है। लगातार गिरते गोल्ड के प्राइस कस्टमर्स को इस फेर में डाल रहे हैं कि अभी गोल्ड के रेट और लुढक़ेंगे तभी खरीदारी करेंगे.'

-राजकुमार अग्रवाल, प्रेसीडेंट, बरेली सर्राफा मंडल

'बैंकिंग सेक्टर में कार लोन पर बढ़ाए गए इंट्रेस्ट रेट्स ऑटोमोबाइल सेक्टर में आए डाउनफाल की बड़ी वजह हैं। वहीं इंटरनेशनल रिशेसन की वजह से कस्टमर्स के पास परचेजिंग पॉवर भी घटी है। पेट्रोल, डीजल के प्राइस हाइक, पैसों की शॉर्टेज भी इसकी वजह हैं.'

-किशोर कटरू, मार्केट एक्सपर्ट

 

'एफडीआई के बढऩे से सेंसेक्स के ऊपर जाने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में लोग गोल्ड की बजाए शेयर मार्केट में ज्यादा इंवेस्टमेंट कर रहे हैं, वहीं लगातार हो रहे फ्यूल प्राइस हाइक में और मेंटीनेंस के बढ़ते खर्च की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में डाउनफाल आ रहा है.'

-अरविंद सिंह, मार्केट एक्सपर्ट

Report by: nidhi.gupta@inext.co.in