- खंदारी में घर में बंधी गाय खोल ले गए गौकश, अगले दिन मिला गौवंश और खून

- दर्ज नहीं किया मुकदमा, सीएम ऑफिस से निर्देश पर हरकत में आया प्रशासन

आगरा। पुलिस की जरा सी लापरवाही शहर में बड़ा बवाल करा सकती थी, लेकिन शिक्षक की समझदारी से मामला टल गया। खंदारी में घर में बंधी गाय को गौकश ले गए। अगले दिन जहां गाय रोज बंधती थी, वहां गौवंश और खून बिखरा पड़ा मिला। शिकायत करने पर पुलिस ने मामले में संवेदनहीनता दिखाई। मामला गौकशी में न दर्ज कर चोरी में लिखने का दबाव बनाया। शिक्षक ने हिन्दूवादी संगठन के पदाधिकारी से संपर्क किया तो, मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया। वहां से जिलाधिकारी को निर्देश मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जा सका।

रात में हो गई थी गाय चोरी

आजाद नगर, खंदारी निवासी दिनेशचंद मिश्रा गांधी नगर स्थित प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं। शिक्षक के पास एक गाय है। 30 अप्रैल को परिजन घर में सो रहे थे। रात में श्वानों के भौंकने की आवाज सुनाई दी। शिक्षक ने बाहर आकर देखा तो गाय गायब मिली। वहां किसी युवक के पैरों के निशान थे। इसके बाद सुबह बिल्लोचपुरा, जहां रोज वह गाय बांधने जाते थे, वहां गोवंश पड़ा मिला। खून बिखरा हुआ था। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम कई बार कॉल मिलाया, लेकिन फोन नहीं उठा।

पुलिस ने बनाया दबाव

शिक्षक के मुताबिक वह चौकी गए। वहां पर एक पुलिसकर्मी मौके पर उनके साथ आया। लेकिन जब थाने पर बात हुई तो उसने अवशेष मिलने से मना कर दिया। पुलिस ने उन्हें हड़का दिया। गौहत्या का मामला चोरी में दर्ज कराने का दबाव बनाया। तीन मई को वह हिन्दूवादी संगठन के महामंत्री से मिले। शिक्षक के मुताबिक हिंदूवादी नेता ने सीएम योगी को कॉल किया। इसके बाद वहां से कॉल डीएम के पास आया। तब जाकर पुलिस मामले में कार्रवाई के लिए तैयार हुई। तीन मई को पुलिस ने गौहत्या निवारण अधिनियम में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस की ढिलाई से गौकश फरार

शिक्षक के मुताबिक उन्होंने दो-तीन लोगों के नाम पुलिस को बताए हैं, जो पहले भी गौकशी के मामले में पकड़े जा चुके हैं। लेकिन पुलिस ने उस पर भी कार्रवाई नहीं की। शिक्षक के मुताबिक वे गौकश अब फरार हैं।

शिक्षक ने दिखाई समझदारी

शिक्षक दिनेशचंद मिश्रा का कहना था कि एक मई को शब-ए-बारात थी। यदि इस मामले में शोर मच जाता, तो संगठनों के लोग जमा हो जाते। पुलिस की लचर कार्रवाई से आक्रोश फैलता। फिर कुछ भी हो सकता था, लेकिन शिक्षक ने समझदारी दिखाते हुए किसी को इस बारे में नहीं बताया, जिससे शांति बनी रहे।