अखाड़ों के शिविरों में सुरक्षा और फर्जी बाबाओं का प्रवेश रोकने के लिए कवायद शुरू

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PRAYAGRAJ: कुंभ मेला के दौरान अखाड़ों के शिविर में सुरक्षा व फर्जी बाबाओं का प्रवेश रोकने के लिए बाबाओं का आई कार्ड बनाया जाएगा। आई कार्ड दिखाने के बाद ही उन्हें अखाड़ा के शिविर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। इसका आह्वान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से किया गया था। अब इसे सभी अखाड़ों में लागू करने की कवायद शुरू की गई है।

दिखाई देगी अखाड़े की झलक

अखाड़ों की ओर से जो आई कार्ड संत-महात्माओं का बनवाया जा रहा है उसकी अपनी अलग विशेषता है। आई कार्ड में प्रत्येक अखाड़े के आराध्य देव की तस्वीर लगाई जा रही है। दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ के स्लोगन के साथ कुंभ का लोगो और अखाड़े का नाम लिखा जा रहा है। साथ ही संबंधित अखाड़े के संत-महात्मा की तस्वीर भी शामिल रहेगी। कार्ड पर संबंधित अखाड़े के सचिव का मुहर व हस्ताक्षर प्रमाण के रूप में अंकित किया जाएगा।

बैठक में प्रस्ताव हुआ था पारित

अखाड़ा परिषद की मई महीने में प्रयागराज में हुई बैठक में सभी अखाड़ों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर आई कार्ड बनाने पर मुहर लगाई थी। इस पर कार्ड बनाने का कार्य नवम्बर के तीसरे सप्ताह से अखाड़ों में शुरू किया गया। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत जमुनापुरी की मानें तो शिविर सेक्टर सोलह में स्थापित किया जा रहा है। इस बार कुंभ में सात हजार संत-महात्माओं ने आने की सूचना दी है। इसलिए सभी को पेशवाई निकालने से पहले मुख्यालय में आकर आई कार्ड बनवाने का निर्देश दिया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

- कुंभ मेला में सेक्टर सोलह में सभी अखाड़ों को जमीन आवंटित की गई है। वहां पेशवाई निकलने से पहले प्रत्येक अखाड़े में संत-महात्माओं का आगमन हो जाएगा।

- एक-एक अखाड़े के शिविरों में मेला की अवधि में कल्पवास करने के लिए पांच से लेकर सात हजार तक संत-महात्मा और नागा संन्यासी शिविरों में रहेंगे।

- जैसे-जैसे अखाड़ों की पेशवाई निकालने का क्रम नजदीक आता जाएगा वैसे-वैसे प्रयागराज में स्थित अखाड़ों के मुख्यालयों में आई कार्ड बनाया जाएगा।

इस बार कुंभ मेला में सुरक्षा व फर्जी वेश धरकर शिविरों में घुसने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। बिना आई कार्ड के किसी भी संत-महात्मा को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मेला शुरू होते ही कार्ड की जांच करने की व्यवस्था प्रत्येक अखाड़े के शिविरों में की जाएगी।

महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद