-रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग के कार्डियक डिपार्टमेंट में नहीं होती है कार्डियक सर्जरी

-रिम्स से हर महीने कार्डियक सर्जरी के करीब 100 केसेज अदर हॉस्पिटल्स किए जाते हैं रेफर

RANCHI : बड़ी उम्मीदें लेकर रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग में कार्डियक सर्जरी के लिए आईं सईदा बेगम को मजबूरन सीएमसी वेल्लोर का रुख करना पड़ा। ऐसा नहीं है कि रिम्स में कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट नहीं है, पर कार्डियक सर्जरी की व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। ऐसे में स्टेट के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए जब हार्ट पेशेंट्स आते हैं और कार्डियक सर्जरी करने की नौबत आती है, तो उन्हें वैसे हॉस्पिटल का रुख करना पड़ता है, जहां कार्डियक सर्जरी की सुविधा होती है। सोर्सेज के मुताबिक, रिम्स में हर महीने कम से कम सौ ऐसे केसेज आते हैं, जिसमें पेशेंट्स को कार्डियक सर्जरी के लिए दूसरे हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है।

डॉक्टर्स नहीं हुए बहाल

रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग का इनॉगरेशन इस साल फ्क् जनवरी को हुआ था। इस विंग में कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी और ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट हैं। सुपरस्पेशियलिटी विंग के खुले तीन महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन यहां कार्डियक डिपार्टमेंट में डॉक्टर्स की बहाली नहीं हो सकी है। इस कारण पेशेंट्स की कार्डियक सर्जरी नहीं हो पा रही है।

मजबूरी है रेफर करना

रिम्स के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एक सीनियर डॉक्टर ने बताया- यहां कार्डियक सर्जन के नहीं होने की वजह से मजबूरी में पेशेंट्स को दूसरे हॉस्पिटल रेफर करना पड़ता है। हम हर महीने कम से कम सौ केसेज दूसरे हॉस्पिटल्स रेफर करते हैं। यहां अगर कार्डियक सर्जन की बहाली हो जाए, तो कार्डियक सर्जरी के लिए पेशेंट्स को करीब भ्0 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे, जबकि सीएमसी वेल्लोर में कार्डियक सर्जरी का खर्च करीब दो लाख रुपए आता है।

सेटअप है तैयार

रिम्स के डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो ने बताया कि सुपरस्पेशियलिटी विंग के कार्डियक डिपार्टमेंट में कार्डियक सर्जरी को लेकर सारा सेटअप तैयार है। इक्विपमेंट्स लग चुके हैं। सिर्फ कार्डियक सर्जन की बहाली होनी है। इस दिशा में पहल की जा रही है। कार्डियक सर्जन के आते ही यहां पेशेंट्स को कार्डियक सर्जरी की फैसिलिटी मिलनी शुरू हो जाएगी। कार्डियक सर्जन को बुलाने की दिशा में संस्थान प्रयत्नशील है।

दो से ढाई लाख तक का खर्च

प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कार्डियक सर्जरी कराने में पेशेंट्स को एवरेज दो से ढाई लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अगर रिम्स की बात करें, तो यहां से हर महीने कार्डियक सर्जरी के करीब सौ केसेज दूसरे हॉस्पिटल्स रेफर किए जाते हैं। अगर इन सभी पेशेंट्स के कार्डियक सर्जरी में होनेवाले खर्च को जोड़ें, तो यह रकम ख्भ् करोड़ रुपए आती है, जबकि रिम्स में सुविधा होने पर सिर्फ भ्0 हजार में ही पेशेंट्स की कार्डियक सर्जरी हो सकेगी। अगर फॉरेन की बात करें, तो कार्डियक सर्जरी के लिए ब्रिटेन में फ्0 हजार पौंड और यूएसए में म्0 हजार डॉलर का खर्च आता है। कार्डियक सर्जरी में कार्डियक सर्जन मुख्यत: तीन तरह की सर्जरी करते हैं। इसमें बाइपास सर्जरी, वाल्व रिप्लेसमेंट और हार्ट में छेद को बंद करनेवाली सर्जरी श्ामिल है।

कार्डियक सर्जरी में कहां कितना खर्च (रुपए में)

सर्जरी टाइप प्राइवेट हाॅस्पिटल्स रिम्स

बाइपास सर्जरी क्.7भ् लाख से ख्.भ्0 लाख भ्0 हजार

वाल्व रिप्लेसमेंट ख् से फ् लाख एक लाख

हार्ट में छेद को बंद करना क्.भ्0 लाख से ख्.भ्0 लाख भ्0 हजार

'रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग के कार्डियक डिपार्टमेंट में कार्डियक सर्जरी के लिए सारा सेटअप तैयार है। कार्डियक सर्जन की बहाली होते ही यहां पेशेंट्स को कार्डियक सर्जरी की सुविधा मिलने लगेगी.'

-डॉ तुलसी महतो

डायरेक्टर, रिम्स