एक दिन उसने कार चोरी में सक्सेस हासिल की और फिर इसी को उसने अपना करियर बना लिया। हर शानदार कार पर उसकी निगाह रहती। वो हर महीने एक कार चुराता और उन्हें बेचकर मौज करता। 15 सालों में उसने 150 कारें चुराईं। धीरे-धीरे उसने अपना गैैंग डेवलप कर लिया। पकड़ा जाता, जेल जाता और फिर कार चुराता। पुलिस ने इस बार उसे पांचवी बार पकड़ा।

ऐसे पकड़ा

दौराला पुलिस ने गस्त करते हुए पल्हैड़ा चौपले पर खड़ी थी। जहां मुखबिर ने सूचना दी कि एक शातिर वाहन चोर मारुति कार चोरी करके खतौली से मेरठ की ओर आ रहा है। चेकिंग करने लगे तो लावड़ की ओर से आती एक नीले रंग की मारुति कार रोकने की कोशिश की गई। लेकिन यह कार नहीं रुकी। जिसको पुलिस ने कुछ दूरी पर जाकर पकड़ लिया। इसमें सवार व्यक्ति से पूछा गया तो उसने अपना नाम जोगेंद्र उर्फ योगेंद्र सैनी निवासी गौयना थाना कोतवाली हापुड़ बताया.शातिर है खिलाड़ी

तलाशी ली गई तो इसके पास से एक तमंचा मिला। फिर गाड़ी के कागजात चैक किए गए। गाड़ी पर नंबर तो सही था लेकिन चेसिस नंबर और इंजन नंबर सही नहीं थे। पता चला कि यह कार इसने दिल्ली से चोरी की थी। इसके कागजात दूसरी गाड़ी के हैं। जो डैमेज हो चुकी है। फिर इस शातिर चोर की कुंडली खंगाली गई तो इस पर वाहन चोरी के दर्जनों मामले हैं। एनसीआर में यह शातिर वाहन चोर के रूप में माना जाता है। जो अपने अन्य साथियों मोइन खान उर्फ मोनी निवासी खतौली मुजफ्फरनगर व गौरव निवासी शालीमार गार्डन साहिबाबाद के साथ मिलकर कार चोरियों करता है।

अब तक

पुलिस के अनुसार पकड़ा गया चोर 1998 से वाहन चोरियों में संलिप्त है। जो अब तक चार बार जेल जा चुका है। करीब डेढ़ महीने पहले ही जेल से छूटकर आया है। बाहर आते हीं एक होंडा सिटी, टाटा इंडिका, टोयटा इंडियोज और मारुति-800 सहित दर्जनों कारों पर हाथ साफ किया। चोरी के इस धंधे में इसने अपने कैरियर में डेढ़ सौ से अधिक गाडिय़ां चोरी की हैं। इसके कुछ साथी टीपी नगर थाना क्षेत्र से जेल जा चुके हैं।

ऑन डिमांड काम

यह एक शातिर वाहन चोर है। जिसका एरिया एनसीआर के मुख्य इलाके हैं। यह ऑन डिमांड काम करता है। अगर किसी गाड़ी के पार्ट्स की मांग होती है तो यह उसी गाड़ी को चुराता है। कोई गाड़ी पूरी तरह डैमेज हो जाती है और उसके कागजात मिल जाते हैं तो यह ऐसी ही गाड़ी चुराता है। ज्यादातर गाडिय़ों को यह गैंग कटवा देता है। जो चलानी होती है उसका नंबर बदलकर दूसरी गाड़ी के कागजात यूज किए जाते हैं।

पलक झपकते ही

जोगेंद्र उर्फ योगेंद्र और इसके साथी किसी भी गाड़ी को चंद मिनट में गायब कर देते हैं। जिनके पास गाड़ी को खोलने के कई इंस्टूमेंट होते हैं। मास्टर की के साथ अन्य मास्टर इंस्टूमेंट भी होते हैं। जिनको गाड़ी चोरी करने में यूज किया जाता है। गाडिय़ां चोरी करने के बाद ये लोग मुजफ्फरनगर में खालिद नाम के कबाड़ी और सोतीगंज में कबाडिय़ों को कारें बेच देते हैं। कुछ गाडिय़ों को फर्जी डाक्यूमेंट के साथ भी रीसेल कर देते हैं।