इस फैसले को डालमिया और बीसीसीआई के अध्यक्ष श्रीनिवासन की ताजा जुगलबंदी के रूप में देखा जा रहा है. श्रीनिवासन ने अपने पद से इस्तीफा न देकर बीबीसीआई के दैनिक कामकाज की कमान डालमिया को सौंप दी है.

कोलकाता में जन्में 73 वर्षीय डालमिया को उनके जन्मदिन से ठीक दो दिन बाद नई जिम्मेदारी मिली है.

वनवास

बीसीसीआई और आईसीसी के प्रमुख के रूप में अपनी पारी के दौरान डालमिया पर कई विवादों का साया भी पड़ा. शरद पवार के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद 2006 में उन्हें हेराफेरी के मामले में गिरफ़्तार किया गया.

उस समय डालमिया ने इन आरोपो को उनके 'प्रतिद्वंद्वियों के गेम प्लान' का हिस्सा बताया, हालांकि पवार खेमे ने कहा कि यह कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की गई है.

इसके बाद 2010 में उनका वनवास उस समय खत्म हुआ जब बीसीसीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा वापस लेते हुए उन पर लगा चार साल का प्रतिबंध भी खत्म कर दिया.

यही वह समय था जब श्रीनिवासन को बोर्ड अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया.

डेनिस विवाद

इससे पहले आईसीसी के मैच रेफरी माइक डेनिस के फैसले को लेकर उठे विवाद के दौरान भी डालमिया चर्चा में रहे.डेनिस ने सचिन तेंदुलकर पर 2001 के पोर्ट एलिजाबेथ टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया था. इसके अलावा छह भारतीय खिलाड़ियों पर अत्यधिक अपील करने के लिए डेनिस ने प्रतिबंध लगा दिया था.

डालमिया उस समय बीसीसीआई के अध्यक्ष थे और आईसीसी को अपना रुख बदलना पड़ा और माइक डेनिस को सार्वजनिक तौर पर इस पूरे मसले पर माफी मांगनी पड़ी.

वर्तमान में बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष डालमिया 1979 में बीसीसीआई में शामिल हुए और 1983 में उन्हें कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल गई. डालमिया कई बार बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं और वह 1997 में आईसीसी के अध्यक्ष भी बने.

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