जमशेपुर स्थित एबीएम कालेज में रेगुलर क्लासेस  नहीं हो रही हैं। स्थिति ऐसी है कि कई क्लास रूम के  गेट पर ताला जड़ा रहता है। कॉलेज के लगभग 2200 स्टूडेंट्स के कॅरियर के साथ खिलवाड़ हो रहा  है। इससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित हो रही है और उनका समय कैैंपस में यों ही घूमते-टहलते बीत रहा है।

College आने का क्या फायदा?

कॉलेज की स्टूडेंट बीना का कहना है कि क्लासेज रेगुलर नहीं होने की वजह से कई स्टूडेंट्स ने कॉलेज आना ही छोड़ दिया। वह कहती हैं कि जो स्टूडेंट्स रेगुलर कॉलेज आ रहे हैं कुछ दिनों बाद वे भी कॉलेज आना छोड़ सकते हैं। कई स्टूडेंट्स का यह भी कहना था कि क्लासेज नहीं होने की वजह से जब स्टूडेंट्स कॉलेज आना बंद कर देते हैं तो कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन कहता है कि स्टूडेंट्स नहीं आते, इसलिए क्लासेज नहीं होती।

सवाल 2200 students के career का है

एबीएम कॉलेज में लगभग 2200 स्टूडेंट्स इन्रॉल्ड हैं। ये सभी स्टूडेंट्स यूजी के आट्र्स और कॉमर्स के हैं। आट्र्स में हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सायकोलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी, हिंदी, सोसियोलॉजी के अलावा कॉमर्स की पढ़ाई इस कॉलेज में होती है। कॉमर्स की क्लासेज इवनिंग में होती हैं। यहां साइंस की पढ़ाई नहीं होती।

Teachers धूप सेकते रहते हैं

कॉलेज के स्टूडेंट्स का कहना था कि टीचर्स कॉलेज में प्रजेंट भी रहते हैं तो क्लास नहीं लेते। कॉलेज में 30 से ज्यादा टीचर्स हैं। स्टूडेंट्स का भी कहना था कि कई टीचर्स कैंपस में खड़े होकर आपस में बात करते रहते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स भी मजबूर होकर अपने फ्रेंड्स के साथ बात-चीत में लग जाते हैं।

एक problem यह भी

कॉलेज में टॉयलेट को लेकर भी स्टूडेंट्स को काफी परेशानी होती है। कॉलेज कैंपस में सिर्फ एक ही टॉयलेट है और सबसे परेशानी वाली बात यह है कि वही एक टॉयलेट ब्वॉयज और गल्र्स दोनों के लिए है। टॉयलेट का एंट्री गेट एक ही होने की वजह से गल्र्स को बहुत परेशानी होती है। कॉलेज की स्टूडेंट्स टॉयलेट की प्रॉव्लम को लेकर कई बार प्रिंसिपल से मिल चुकी हैं लेकिन इसका कोई सॉल्यूशन नहीं निकल पाया है।

-मैं तो कुछ दिनों की छुट्टी पर हूं। अगर क्लासेज नहीं हो रही हैं तो यह गलत बात है। मैं वापस आकर देखता हूं कि क्या मामला है। टॉयलेट के प्रॉब्लम को लेकर हमने वीसी से बात की है। बहुत जल्द से इसे दूर किया जाएगा।

- डॉ ए चक्रवर्ती, प्रिंसिपल, एबीएम कॉलेज

-कॉलेज में क्लासेज रेगुलर हों इसकी जिम्मेवारी वहां के प्रिंसिपल की है। इसके साथ ही टीचर्स को भी अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी। मैं उन्हें कहूंगा कि कॉलेज में ऐसा क्यों हो रहा है उसकी जानकारी लेकर आएं।

- डॉ सलिल कुमार रॉय, वीसी, कोल्हान यूनिवर्सिटी.

-कॉलेज कैंपस में टीचर्स तो रहते हैं लेकिन उन्हें क्लास लेने में इंट्रेस्ट नहीं होता। कॉलेज कैंपस में बस ऐसे ही टाइम पास होता रहता है।

- अंकिता, स्टूडेंट, एबीएम कॉलेज

-अगर यही स्थित रही तो स्टूडेंट्स कॉलेज आना ही छोड़ देंगे। यहां आने का भी क्या फायदा है। हम पढ़ाई के लिए यहां आते हैं लेकिन पढ़ाई होती नहीं।

- बीना, स्टूडेंट

महीने में एक या दो दिन क्लासेज नहीं हो तो कोई बात नहीं लेकिन यहां तो अक्सर ऐसा होता है.  पढ़ाई नहीं होगी तो हम एग्जाम में क्या लिखेंगे।

- अजय, स्टूडेंट

-क्लासेज रेगुलर हो इसके लिए हम प्रिंसिपल से भी मिलकर बात कर चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। अब तो सोचता हूं कि कॉलेज आना ही छोड़ दूं।

- रोहित, स्टूडेंट, एबीएम कॉलेज

-कॉलेज आने का तो कोई फायदा ही नहीं है। मैं डेली कॉलेज आता हूं लेकिन प्रॉपर क्लासेज यहां नहीं होती। यह हमारे कॅरियर लिए ठीक नहीं।

- विकास, स्टूडेंट