-कानपुराइट्स के साथ हो रही घटतौली की शिकायत पर आई नेक्स्ट ने जानी सच्चाई, हर जगह निकली घटतौली

-लोगों के साथ हो रही भारी गड़बड़ी पर क्यों मौन हैं जिला विधिक माप विज्ञान के कर्मचारी और ऑफिसर

KANPUR : आर्यनगर स्थित एक अपार्टमेंट के सामने संडे को शाम काफी भीड़ लगी थी। वहां से निकल रहे रिपोर्टर ने जब उसकी वजह पूछी तो मालूम चला कि अपार्टमेंट में रहने वाले प्रदीप की पत्नी मंजू ने ठेले से दो किलो आलू खरीदे थे। उनको शक हुआ तो बगल की एक दुकान में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कांटे में उसकी तौल करवाई। तब मालूम चला कि दो किलोग्राम आलू के ब्0 रुपए देने पर उनको करीब क् किलो और म्00 ग्राम आलू ही मिला। आई नेक्स्ट के पास लगातार ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि सब्जियों, फलों में ही नहीं दूसरी चीजों की तौल में लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। लोगों की शिकायत पर मंडे को आई नेक्स्ट टीम ने शहर के विभिन्न एरियाज में फेरी लगाने वाले ठेलों में मिल रहा सामान खरीदकर इलेक्ट्रानिक कांटे में चेक कराया तो भारी गड़बड़ी निकली।

और कर दी घटतौली

कानपुराइट्स की शिकायत पर आई नेक्स्ट टीम ने मंडे को स्वरूप नगर चौराहे के पास खड़े एक ठेले से क्0 रुपए का आधा किलो यानि भ्00 ग्राम आलू देने को कहा। उस ठेले वाले ने रिपोर्टर के सामने अपने भ्00 ग्राम के बांट से आधा किलो आलू तौलकर एक पन्नी में पैक कर दिया। रिपोर्टर ने आलू लिया और उसको क्0 रुपए दिए। ठेले वाले ने रिपोर्टर के सामने आलू को तौला था इसलिए गड़बड़ी की कोई शंका ही नहीं लग रही थी।

सच्चाई आई सामने

वो भ्00 ग्राम आलू लेकर रिपोर्टर एक ऐसी सब्जी की दुकान पर पहुंचा जिसके पास इलेक्ट्रानिक कांटा मौजूद था। रिपोर्टर के सामने दुकानदार ने वो आलू का पैकेट इलेक्ट्रानिक तराजू में रख दिया। जैसे ही आलू का पैकेट उस इलेक्ट्रानिक तराजू में रखा गया पूरी सच्चाई सामने आ गई। आलू सिर्फ ख्98 ग्राम ही निकला। ये सच्चाई जानकर कोई भी परेशान हो सकता है। क्योंकि पैसे तो उसने भ्00 ग्राम आलू के दिए थे लेकिन आलू उसको ख्0ख् ग्राम कम मिला। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब आधा किलो में ये गड़बड़ी हो सकती है तो फिर पांच किलो में क्या हो सकता है? आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सिविल लाइंस स्थित एक ठेले से क् किलो खरबूजा ब्भ् रुपए में खरीदा। उस तरबूज को जब इलेक्ट्रानिक कांटे में तौलवाया तो 8ख्फ् ग्राम निकला। कुछ ऐसा ही हाल दूसरी सब्जियों और फलों की तौल में भी था। गुमटी नंबर-भ्, फजलगंज, नसीमाबाद समेत कई एरियाज में फेरीवालों की तौल की सच्चाई जानी। ज्यादातर जगह जमकर घटतौली मिली।

ये 'करते रहते' हैं

लोगों के साथ हो रहे धोखे को रोकने के लिए सरकार की तरफ से एक विभाग बनाया गया। इसमें कई कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं। इनका काम है इसको रोकना। शहर के विभिन्न एरियाज में फेरीवालों के लोगों के साथ धोखा किए जाने की सच्चाई जानने के बाद रिपोर्टर मरे कंपनी ब्रिज के पास स्थित जिला विधिक माप विज्ञान के कार्यालय पहुंचा। यहां सहायक नियंत्रक आरपी सिंह मिले। जब उनसे फेरीवालों की मनमानी की बात बताई गई तो उनका कहना था कि हमारा डिपार्टमेंट लगातार लोगों के साथ धोखा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करता रहता है। जब उनसे ये पूछा गया कि आप मंडे को कहां कार्रवाई कर रहे हैं तो बोले, कार्रवाई हम करते रहते हैं। अब सवाल ये है कि जब वो कार्रवाई करते हैं तो फिर वो दिखती क्यों नहीं है? वो ऐसी कार्रवाई करते हैं कि लोगों की आंखों के सामने उनको धोखा दिया जा रहा है।

इनकी टीम से मिलिए

विधिक माप विज्ञान, कानपुर नगर के कार्यालय में सिर्फ सहायक नियंत्रक आरपी सिंह अकेले नहीं हैं पूरे शहर के लिए। इनके साथ पूरी टीम है। जिसका काम है शहर में इस तरह की धांधली को रोकना। इनकी टीम में सीनियर इंस्पेक्टर देवेश कुमार पांडेय, सीनियर इंस्पेक्टर नीरज कुमार चौधरी, इंस्पेक्टर चेतन कुमार, इंस्पेक्टर ज्योत्सना श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर ध्रुव कुमार, इंस्पेक्टर उमेश कुमार सिंह, और सुखसेन सिंह है। इतनी लंबी-चौड़ी टीम है और ये लोग करते क्या हैं? ये आपको बताने की जरूरत नहीं है? क्योंकि अगर ये लोग लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करें तो पब्लिक को परेशान न होना पड़े और न ही उसके साथ धोखा हो पाए।

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हमारी टीम लगातार घटतौली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती रहती है। हम लोग रेवेन्यू वसूलकर सरकार को देते हैं। इस बार भी सरकार से ख् करोड़ ब्7 लाख रुपए के रेवेन्यू का टारगेट मिला। जब तक फेरीनीति लागू नहीं होगी इन फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई करना बहुत मुश्किल काम है। वैसे हमारी कोशिश लगातार जारी रहती है।

आरपी सिंह, सहायक नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान, कानपुर नगर

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बॉक्स में लगाएं

भ्00 से ख्000 तक का

आरपी सिंह के मुताबिक घटतौली और दूसरी गड़बड़ी पाए जाने पर विभाग की ओर से भ्00 रुपए से ख्000 रुपए तक का चालान किया जा सकता है।

कब होता है चालान?

क्। सामान की घटतौली करने पर।

ख्। विभाग की ओर से जारी सर्टिफिकेट न लेने पर।

फ्। बांट खराब होने पर भी लोगों को उससे सामान तौलकर देने पर। इसके अलावा और भी कई प्वाइंट्स है जिनके पूरे न होने पर चालान होता है।

नोट-एक बार चालान होने के बाद तुरंत चालान की वजह को दूर करना होता है वरना अगले दिन फिर चालाना हो सकता है। चालान न भरने की स्थिति में कोर्ट भेज दिया जाता है। विभाग के पास सजा का कोई प्रावधान नहीं है।

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जरा ध्यान दीजिए

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क्। फेरीवालों से सामान लेते वक्त उसके बांट को अच्छी तरह से देख लें। अगर बांट के पिछले हिस्से में लेड नहीं भरा है तो वो बांट रिजेक्टेड है। उस बांट से सामान न तौलवाएं।

ख्। जब ज्यादा सामान लेने जाएं तो बड़ी शॉप में जाएं और उनका बांट तौल विभाग से मिला सर्टिफिकेट देखने के बाद ही सामान लें।

फ्। मिठाई लेने से पूर्व डिब्बे का वेट जरूर चेक कर लें।

ब्। सामान तौलवाते वक्त कांटे पर जरूर नजर रखें।

भ्। गड़बड़ी पता चलने पर तुरंत टोल फ्री नंबर पर शिकायत करें। हो सके तो उस फेरीवाले की मोबाइल से फोटो खींच लें जिससे विभाग के अधिकारी उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकें।

फॉर योर हेल्प

अगर आपको सामान में घटतौली लगे तो आप टोल फ्री नंबर क्800क्800फ्00 पर भी शिकायत कर सकते हैं।

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बच्चों को जब भी सौदा लेने भेजो दुकानदार अपनी हाथ की सफाई दिखा देते हैं। उनकी आंखों के सामने ही घटतौली कर देते हैं।

मुहीद अहमद खान

अक्सर ऐसा होता है जब हम मिठाई लेने जाते हैं तो दुकानदार डिब्बे का वेट भी उसी में जोड़ देते हैं। पब्लिक के साथ जमकर गड़बड़ी की जाती है। और इनको कोई कुछ नहीं कहता है।

स्मृति विश्नोई

अक्सर ऐसा होता है जब कोई सामान मार्केट से खरीदकर लाओ तो वो वेट के हिसाब से कम लगता है। कई बार जब सामान को तौलवाया तो कम निकला।

राहुल वर्मा

फेरीवाले अक्सर लोगों के साथ धोखा करते हैं। पर हम लोग करें भी तो क्या करें? हम लोग उन्हीं से सामान ले लेते हैं और फिर धोखे का शिकार होते हैं।

शिखा मिश्रा

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कानपुर कॉलिंग

प्रश्न-क्या कभी आप भी सामान लेते वक्त घटतौली का शिकार हुए हैं? क्या इससे संबंधित कोई फोटो है तो हमसे शेयर कीजिए।

जवाब दें9म्ख्भ्0भ्0म्म्9 पर