- रुपयों को लेकर लेसा और नगर निगम में ठनी

-बिना रकम चुकाए निगम की जमीन पर बना पावर सबस्टेशन

-निगम ने सबस्टेशन को गिराने की दी चेतावनी

Do you know

291 खसरा सं। निगम की

0.223 हेक्टेयर जमीन पर विवाद

1.56 करोड़ जमीन की कीमत

33 केवी का बना उपकेंद्र

12 हजार घरों को सप्लाई

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LUCKNOW: नगर निगम और लेसा में रुपयों को लेकर ऐसी ठनी कि 33 केवी के सबस्टेशन पर ही तलवार लटक गई। असल में करीब आठ महीने पहले इंदिरानगर में लेसा ने निगम की जमीन पर सब स्टेशन तो बनाया लेकिन इसके बदले डेढ़ करोड़ रुपये चुकाने में लेसा की आनाकानी से दोनों सरकारी विभागों में ठन गई है.बवाल इस कदर बढ़ चुका है कि नगर निगम ने अब सबस्टेशन का ध्वस्त करने की वार्निग तक दे डाली है।

.223 हेक्टेयर पर बना सूगामऊ उपकेंद्र

इंदिरानगर के सूगामऊ क्षेत्र में नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर लेसा ने आठ माह पहले 33 केवी का उपकेन्द्र बनाया था। वर्तमान में बिजली की सप्लाई भी की जा रही है। बताया जा रहा है कि लेसा की ओर से जमीन को यूज करने के आठ माह बाद भी नगर निगम की खसरा सं। 291 के 0.223 हेक्टेयर जमीन जिसकी कीमत 1.56 करोड़ है, उसका भुगतान अबतक नहीं किया गया है। इस संबंध में निगम तहसीलदार देश दीपक सिंह ने लेसा को पत्र लिखकर बकाया धनराशि देने की मांग की, लेकिन लेसा ने निगम के गंभीरता से नहीं लिया। आरोप है कि लेसा के अधिकारियों ने पावर कारर्पाेरेशन के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर सूचना देने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। कई बार पत्राचार के बाद भी लेसा की ओर से कोई ठोस कार्रवाई व जवाब न मिलने पर परेशान होकर निगम ने लेसा को कड़ा पत्र लिखकर उपकेन्द्र को ध्वस्त करने की चेतावनी दे डाली।

तो 12 हजार घरों की बत्ती गुल

सूगामऊ उपकेन्द्र से वर्तमान में चांदन, निजामुद्दीनपुर, जरहरा, सूगामऊ और मानस सिटी मयूर विहार का कुछ हिस्सा और निजी कालोनियों को इलेक्ट्रिक सप्लाई की जा रही है। इन इलाकों के लगभग 10 से 12 हजार घरों को इस उपकेन्द्र से बिजली दी जा रही है। इससे पहले सेक्टर -14 के पुराने उपकेन्द्र से लोगों को बिजली सप्लाई की जा रही थी, लेकिन उपकेन्द्र पर ज्यादा बोझ बढ़ने पर नये उपकेन्द्र की स्थापना की गयी थी।

एलडीए से भी तनातनी

लेसा से नगर निगम की नहीं बल्कि एलडीए से भी तनातनी चल रही है। जानकीपुरम विस्तार व आशियाना में उपकेन्द्र के बदले जमीन का पैसा देने से संबंधी समस्या चल रही है। वर्तमान में जानकीपुरम विस्तार में 1600 वर्ग मीटर की जगह लेसा को चाहिए, लेकिन पैसे को लेकर जमीन लंबित है। यहां एलडीए ने लेसा से 1.6 करोड़ रुपए की मांग की है, लेकिन लेसा की ओर से भुगतान न करने से मामला नहीं सुलझा। आशियाना में जमीन को लेकर समस्या चल रही है।

ेयर के सामने उठा मुद्दा

बिना जमीन के हस्तांतरण व कीमत दिए लेसा की ओर से निर्माण करने पर नगर निगम सदन में हंगामा हुआ था। महापौर डॉ दिनेश शर्मा से पार्षदों ने फ्री में जमीन देने का विरोध किया था। सदन में सर्वसम्मति से लेसा से धनराशि लेने का प्रस्ताव पास हुआ था। यही नहीं डीएम सर्किल रेट के आधार पर कीमत लेना तय था, इसके बावजूद लेसा ने नगर निगम को अबतक धनराशि नहीं दी। पत्र लिखकर संपत्ति विभाग ने इसे सदन का उल्लंघन माना था, लेकिन अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

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ठंडे बस्ते में मामला

लेसा के पूर्व चीफ इंजीनियर सुधीर वर्मा ने कार्रवाई न करने का पत्र लिखा था। पत्र में नगर निगम को आश्वस्त किया गया था कि जमीन की कीमत नगर निगम को दे दी जाएगी। इसके लिए शीर्ष स्तर पर वार्ता चल रही है। कई महीने बीतने के बाद भी इस मामले में लेसा एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा। हालांकि इसी बीच लेसा इंजीनियर का प्रमोशन होने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

निगम की जमीन पर बने उपकेन्द्र की धनराशि की नोटिस नगर निगम ने भेजी थी, लेकिन पैसे की जानकारी नहीं है। कालोनियां बसाने के बाद नगर निगम, एलडीए को उपकेन्द्र के लिए जमीन भी देनी चाहिए, लेकिन नहीं देते हैं। सरकारी विभाग लेसा भी है, कार्रवाई करना चाहता है तो नगर निगम करे।

-आशुतोष श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर, लेसा

सूगामऊ की जमीन के पैसे के लिए नगर निगम की ओर से लेसा को पत्र लिखा गया है। लेकिन लेसा ने अभी पैसा नहीं दिया है, इसके लिए आगे की प्रक्रिया देखी जाएगी।

-उदय राज सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम