कलेक्शन व बिक्री पर बैन है
वन व पर्यावरण विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी अरुण कुमार सांगा ने 11 सितंबर को लिखे लेटर नंबर 3631 के जरिए स्टेट में प्लास्टिक के यूज पर बैन लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत कैरी बैग प्रोडक्शन के साथ ही इसके यूज, कलेक्शन व बिक्री पर पूरी तरह बैन है।

हर जानकारी होनी चाहिए print
डिपार्टमेंट के मुताबिक प्लास्टिक अपशिष्ट नियम 2011 के मुताबिक स्टेट में 18 गुणा12 इंच से कम साइज व 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग का यूज नहीं करना है। इसके लिए कई रूल्स भी बनाए गए हैं। कैरी बैग पर निर्माता का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर व उसकी मोटाई भी प्रिंट होनी चाहिए।

Municipality fix करेगा कीमत
स्टेट गवर्नमेंट के मुताबिक अब प्लास्टिक कैरी बैग की सेल मनमाने रूप से नहीं की जा सकेगी। इसके लिए विभाग द्वारा नियम भी बनाए गए हैं। इसके तहत अब ओपन मार्केट में सेल होने वाले प्लास्टिक कैरी बैग की कीमत म्यूनिसपैलिटी द्वारा फिक्स की जाएगी। इसके लिए डाइरेक्शन दिया गया है।

कुछ items पर ban free
प्लास्टिक कैरी बैग को लेकर अन्य डाइरेक्शन भी इश्यू किए गए हैं। इसके तहत कैरी बैग के लिए कस्टमर से ही पैसे वसूले जाएंगे। इसका मकसद लोगों को प्लास्टिक कैरी बैग के यूज को लेकर डिस्करेज करना है। उधर खाने की पैकिंग, दूध की पैकिंग व नर्सरी में यूज होने वाले प्लास्टिक को बैन फ्री रखा गया है।

'अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत कैरी बैग प्रोडक्शन के साथ ही इसके यूज, कलेक्शन और  बिक्री पर पूरी तरह बैन है.शिकायत मिलने पर कारवाई की जाएगी.' 
-अरुण कुमार सांगा, डिप्टी सेक्रेटरी, वन व पर्यावरण विभाग

Report by: jamshedpur@inext.co.in