- ऑडी कार से कुचलकर युवक की मौत के मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज

- डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के आदेश के बाद सैटरडे को पंडितवाड़ी चौकी में केस दर्ज

देहरादून,

ऑडी कार से कुचलकर युवक की मौत के मामले में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के आदेश के बाद सैटरडे को पंडितवाड़ी पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. सैटरडे तक भी पुलिस के पास मृतक के परिजनों की तहरीर नहीं पहुंची, हालांकि डीजी के आदेश पर पुलिस ने खुद पार्टी बनकर केस दर्ज किया. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित कर पुलिस द्वारा केस मैनेज किए जाने का खुलासा किया था, इसी खबर का संज्ञान लेते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने एसएसपी को तुरंत केस दर्ज कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए थे.

पुलिस ने किया केस में खेल

बीते 8 अप्रैल की रात साढ़े 10 बजे चकराता रोड पर आईएमए के सामने एक तेज रफ्तार ऑडी कार ने बाइक सवार को टक्कर मार दी थी. पुलिस ने इस केस में एफआईआर दर्ज करने के बजाय मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया. जिस ऑडी कार ने बाइक सवार को टक्कर मारी थी, उसे भी छोड़ दिया गया. इतना ही नहीं पुलिस ने मरने वाले के परिजनों को कथित तौर पर बिहार से बुलाकर समझौता पत्र पर साइन भी करा लिए. हालांकि यह समझौता पत्र अभी तक पुलिस नहीं दिखा पाई है. पुलिस इस मामले में अब तक यह कहकर ही पल्ला झाड़ती रही कि परिजनों की ओर से कोई एफआईआर ही दर्ज नहीं कराई गई है. जिस कथित ऑडी कार से युवक की मौत हुई थी, उसका पुलिस ने मैकेनिकल इंस्पेक्शन तक नहीं कराया. साक्ष्य नष्ट करने के लिए पुलिस ने पूरा खेल किया. कार को कंपनी के सर्विस सेंटर में भिजवा दिया गया. पुलिस ने आरोपी का मेडिकल तक नहीं कराया था, जबकि आरोपी खुद दून हॉस्पिटल पहुंचा था. सबसे चौंकाने वाली बात तो तब सामने आई जब कैंट थाने की ओर से जारी प्रेस नोट में मृतक का नाम विशाल कुमार बताया जबकि असल में मृतक का नाम विकास है.

डीजी ने लिया एक्शन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका उजागर की. एक के बाद एक पुलिस की करतूत सामने लाई गई. इसके बाद डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने मामले का संज्ञान लिया और पुलिस को केस दर्ज कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया. इसी आदेश के मद्देनजर पुलिस ने अब खुद पार्टी बनकर केस दर्ज किया है.