-वीसी ने परिवहन विभाग और आरटीओ के अफसरों के साथ बैठक की

-अवैध ई-रिक्शा को चिह्नित कर सड़क से हटाने के निर्देश

Meerut : भैंसाली बस अड्डे को शिफ्ट करने के लिए फिलहाल परिवहन विभाग ने हाथ खड़े कर दिए है। गुरुवार को मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने परिवहन विभाग और आरटीओ के अफसरों के साथ बैठककर बस अड्डों की शिफ्टिंग और सड़कों पर बेतरतीब दौड़ रहे ई-रिक्शा पर बातचीत की।

जमीन मिले तो बने बात

यूपी रोडवेज के आरएम एसके बनर्जी ने वीसी को बताया कि एमडीए ने लोहिया नगर में बस अड्डे के लिए 5 एकड़ जमीन यूपी रोडवेज को नहीं बल्कि महानगर बस सेवा को दी है। जमीन की रजिस्ट्री भी मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के नाम हुई है। क्योंकि सिटी ट्रांसपोर्ट केंद्र सरकार की स्कीम के तहत संचालित हो रहा है और इसका नोडल विभाग नगर विकास विभाग है ऐसे में इस भूमि पर परिवहन अपना कोई प्रोजेक्ट संचालित नहीं कर सकता। उन्होंने साफ किया कि अल्टरनेटिव बस अड्डा दिए बिना फिलहाल भैंसाली बस अड्डे को हटाना संभव नहीं है। मेरठ की सेवाएं भैंसाली अड्डे से संचालित होंगी जबकि लंबी दूरी की बसों को सेटेलाइट बस अड्डे की ओर भेजा जा सकता है।

सड़क से हटाएं ई-रिक्शा

एआरटीओ दीपक शाह ने वीसी को बताया कि मेरठ में महज 850 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। सडक पर हजारों अवैध ई-रिक्शा चल रहे हैं। वीसी ने आरटीओ को घेरे में लेते हुए कहा कि बेतरतीब ई-रिक्शा शहर में जाम लगा रहे हैं इसके अलावा यदि कोई बड़ी घटना हो जाती तो कौन जिम्मेदार होगा? सडकों पर चल रहे अवैध ई-रिक्शा की गिनती एआरटीओ नहीं बता पाए। मीटिंग में तय हुआ कि सोमवार को परिवहन विभाग के साथी वीसी लोहिया नगर स्थित प्रस्तावित भूमि का दौरा करेंगे। वीसी ने कहा कि इस भूमि को रोडवेज को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

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शहर से बस अड्डों को शिफ्ट कराने को लेकर परिवहन विभाग और आरटीओ के साथ बैठक की गई। ई-रिक्शा को सड़कों से हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

योगेंद्र यादव, उपाध्यक्ष, एमडीए