- जनवरी माह में पीडि़त ने ऑन लाइन शॉपिंग साइट से खरीदा था मोबाइल

-एक माह बाद ही खराब हो गया मोबाइल, सर्विस सेंटर पर नहीं मिली सर्विस

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ऑन लाइन शॉपिंग साइट से मोबाइल बेचने के बाद सर्विस नहीं देना मोबाइल कंपनी को महंगा साबित हुआ। मोबाइल खराब होने पर पीडि़त जब सर्विस सेंटर पर मोबाइल ठीक कराने गया तो मोबाइल ठीक नहीं किया गया। परेशान होकर पीडि़त ने कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया। वाद पर सुनवाई करते हुए फोरम के अध्यक्ष ने दूसरे पक्ष को तलब किया, लेकिन वह नहीं पहुंचा। जिस पर फोरम सेकेण्ड के अध्यक्ष ने मोबाइल की कीमत 10999, मानसिक क्षति 2000 और वाद व्यय के 3000 रुपए का जुर्माना लगाया है।

हैंग कर रहा था मोबाइल

प्रेमनगर थाना के 47 विक्रमादित्यपुरी निवासी पराग अग्रवाल ने दायर किए वाद में बताया कि उन्होंने 22 जनवरी 2017 को ऑन लाइन शॉपिंग साइट से लेनोवो का मोबाइल 10,999 का खरीदा था। मोबाइल यूज किया तो वह अधिक गर्म होकर हैंग हो रहा था। जिस पर पीडि़त ने 24 मई को सर्विस सेंटर पर उसे ठीक कराने के लिए गया, तो उसे एक सप्ताह का समय दिया गया। एक सप्ताह बाद सर्विस सेंटर पर मोबाइल लेने गया तो उसे बताया गया कि उसका मोबाइल ठीक नहीं हुआ है। बताया गया कि नया मदर बोर्ड नहीं आता है इस लिए मोबाइल ठीक नहीं हो सकता है।

टोल फ्री नम्बर नहीं आया काम

पराग अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर शिकायत की तो बताया गया कि मेल कर दो। जब मेल किया तो कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिला । पीडि़त ने परेशान होकर कंज्यूमर फोरम में वाद दायर कर दिया।

यह प्रूफ आए काम

कंज्यूमर फोरम में पराग अग्रवाल ने जब वाद दायर किया तो कोर्ट ने मोबाइल खरीदने से लेकर सर्विस सेंटर आदि जगहों के प्रूफ पेश करने को कहा। जिस पर पीडि़त ने कोर्ट में मोबाइल शॉपिंग साइट से मोबाइल खरीद का बिल, सर्विस सेंटर से मिला जॉब कार्ड जिस पर लिखा मोबाइल का आईएमईआई नम्बर और हीटिंग वेरी मच एंड हैंग वेरी मच, हैंड सैट नॉट रिपेयर बीकॉज पार्ट नॉट अवेलेबल लिखा हुआ पेश किया। पीडि़त के सभी प्रूफ का अवलोकन करने के बाद कंज्यूमर फोरम के अध्यक्ष ने लेनेवो इंडिया के प्रबंध निदेशक को तलब किया लेकिन वह नहंी पहुंचे। जिस पर कोर्ट ने एकपक्षीय सुनवाई करते हुए मोबाइल कम्पनी को आदेश दिया कि वह एक माह के अन्दर पराग अग्रवाल को नए मोबाइल की कीमत के साथ 5 हजार रुपए जुर्माना दे।