- बैंकों तक पहुंच रही हैं रकम, कई नए एटीएम भी उगलेंगे नोट

- बैंक पर जरूरत के हिसाब से नहीं पहुंच रहा कैश

Meerut : नोटबंदी का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को भी बैंकों के बाहर नो कैश के बोर्ड दिनभर लटके रहे। एक दिसंबर होने के कारण कई सरकारी विभागों के कर्मियों का वेतन उनके खातों में तो पहुंच गया। लेकिन हाथ में नहीं आने से परेशान रहे। हालांकि बैंक अधिकारियों नई करेंसी आने से शुक्रवार से स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई है।

भीड़ है कि नहीं हो रही कम

कैश निकाले की उम्मीद लेकर गुरुवार की सुबह भी लोग बैंक खुलने से पहले ही शाखा के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो गए थे। लेकिन बैंक खुलते ही लगा नो कैश का बोर्ड लोगों के चेहरों पर छाई उदासी को ओर अधिक गहरा कर गया। शहर के कुछ बैंकों की शाखाओं को छोड़ दें तो, अधिकांश बैंकों में कैश नहीं होने के कारण अपना काम ही हुआ। जबकि स्टेट बैंक और इलाहाबाद बैंक की कुछ शाखाओं में धन की निकासी हुई। इन बैंकों के बाहर सुबह से ग्राहकों की शाम तक कतार लगी रही।

किस काम का वेतन

नोटबंदी के बाद से बैंकों के बाहर लगी ग्राहकों की कतार कम होने का नाम नहीं ले रही है। माह की शुरूआत होने के कारण सरकारी व गैर सरकारी विभागों के कर्मचारियों को वेतन तो आ गया। लेकिन जेब तक वह वेतन कैसे पहुंचे। इसके लिए बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ शाम तक लगी रही।

धोखा देते रहे एटीएम

बैंकों से कैश की निकासी नहीं होने पर लोगों को एक मात्र उम्मीद शहर के एटीएम पर टिकी। लेकिन शहर भर में गिनती के एटीएम से ही रुपयों की कुछ घंटों तक ही निकासी हो सकी। रुपये समाप्त होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। चौधरी चरण सिंह विवि के केनरा बैंक, गांधी बाग के पास सिडिंकेट बैंक का एटीएम आदि से ही रुपयों की निकासी गुरुवार को हुई। रुपयों की उम्मीद में लोग लंबी लाइन लगाकर खड़े रहे। इसके अलावा सिटी स्टेशन के बाहर लगे एटीएम में रुपये की निकासी होने की उम्मीद में लोग दिनभर एटीएम के बाहर जमे रहे।

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फिलहाल स्थित अच्छी नहीं है। कैश की किल्लत से सभी परेशान है। ग्राहकों के साथ बैंक के कर्मचारी भी परेशान है। शुक्रवार से कुछ बेहतर होने की उम्मीद है। नई करेंसी के आने से बैंकों से रुपयों की निकासी शुरू होगी। इसके अलावा पिछले कई दिनों से लग रही ग्राहकों की लाइन भी कम होगी।

अविनाश तांती, एलडीएम