एक्सक्लूसिव

-निर्वाचन आयोग के फेर में उलझ गए वोगस उम्मीदवार

-नामांकन के दौरान अलग अकाउंट खुलवाकर देनी होगी डिटेल

-अधिकतम 28 लाख का आय-व्यय दिखाना बड़ी चुनौती

Meerut: आदर्श आचार संहिता में बड़े बदलाव और चुनाव आयोग की सख्ती से डमी उम्मीदवार ग्राउंड से बाहर हैं। आमतौर पर पिछले चुनावों में देखा गया कि बड़े दलों के प्रत्याशी के साथ डमी कंडीडेट परचा फाइल करता था। किसी वजह से यदि प्रत्याशी का परचा खारिज होता है तो वो मैदान में आ जाता था। प्रक्रिया के 4 दिन बीतने के बाद भी मुख्य दलों के प्रत्याशियों के साथ नामांकन पत्र लेने डमी प्रत्याशी नहीं आ रहे हैं। चुनाव आयोग के कैशलेस कानून से बोगस उम्मीदवार हेल्पलेस साबित हो रहे हैं।

सख्त हो गया कानून

विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2017 के दौरान चुनाव मैदान में उम्मीदवार के लिए योग्यताएं और निर्देशों को और सख्त बना दिया गया है। 12 सूत्रीय सामान्य निर्देशों के साथ भारत निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवार को अलग खाता खोलने और व्यय का लेखा-जोखा इस खाते से करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के इस फैसले ने डमी कंडीडेट्स के मंसूबों का पानी फेर दिया है तो वहीं मतदान के प्रक्रिया से जुड़े अफसरों का मानना है कि पृथक अकाउंट से चुनावी खर्च और उसका लेखा-जोखा मेनटेन करना असामान्य प्रत्याशी के लिए मुश्किल है। आयकर विभाग को भी हर अकांउट में एक-एक मद की एंट्री और उसकी पड़ताल के निर्देश आयोग ने दिए हैं।

कैशलेस बनी मुसीबत

चुनाव आयोग के अगले आदेशों में अधिकतम 20 हजार का कैश भुगतान करने की हिदायत दी गई है। इससे अधिक धनराशि का भुगतान कैशलेस होगा। आयोग के इस कानून ने प्रत्याशियों के होश उड़ा दिए हैं तो वहीं डमी उम्मीदवारों को मैदान से बाहर कर दिया है। चुनाव आयोग की ओर से मेरठ में दो व्यय प्रेक्षकों की तैनाती अधिसूचना जारी होने के साथ ही कर दी गई थी।

फॉर्मेट पर देंगे ब्यौरा

व्यय प्रेक्षक नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के अकांउट का लेखा-जोखा जुटा रहे हैं तो वहीं चुनावी खर्चे से खोले गए नए अकाउंट की प्रमाणिकता की पुष्टि कर रहे हैं। अधिकतम 28 लाख खर्च की सीमा तय करते हुए आयोग ने प्रत्याशियों को एक-एक खर्च का ब्योरा मुहैया कराने के लिए फार्मेट दिया है।

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चुनाव आयोग के कड़े निर्देशों के बाद प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के लिए एकाउंट खोलना होगा। एक-एक रुपये का हिसाब देना होगा जिसकी ऑडिट व्यय प्रेक्षक और प्रशासन की टीम करेगी। कैशलेस ट्रांजिक्शन की हिदायत के बाद डमी कंडीडेट मतदान प्रक्रिया से बाहर नजर आ रहे हैं।

-गौरव वर्मा, एडीएम फाइनेंस