- प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दिया बड़ा तोहफा
- असाध्य रोगों के इलाज के लिए मिलेगी कैशलेस सुविधा
- किडनी, लिवर, कैंसर और हार्ट पेशेंट्स का होगा निशुल्क इलाज
ALLAHABAD: अखिलेश यादव की सरकार ने राज्य कर्मचारियों को असाध्य रोगों के इलाज के लिए बड़ा तोहफा दिया है। हार्ट, किडनी, लिवर और कैंसर का इलाज अब यूपी के सभी बड़े संस्थानों में नि:शुल्क होगा। इससे क्ख् लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा शासन ने असाध्य रोगों की नियमावली में संशोधन जारी कर दिया है।
ये गवां चुके हैं अपनी जान
सिचाई विभाग के ट्यूबवेल ऑपरेटर श्रीप्रकाश पांडेय की मौत छह महीने पहले हुई थी। शुरुआत में उन्होंने बुखार की शिकायत थी और बाद में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद शरीर के कई अंग खराब हो गए थे। उनके इलाज के लिए परिवार ने जैसे-तैसे सात लाख रुपए खर्च किए लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी। इसी विभाग के उमाशंकर कुशवाहा की मृत्यु भी डेढ़ महीने पहले हृदय रोग के चलते हुई थी। कई महीने चले इलाज में हार्ट का ऑपरेशन हुआ और लगभग पांच लाख रुपए खर्च हुए। साथी कर्मचारियों की मानें तो महंगे इलाज के लिए पैसा इकट्ठा करना काफी कठिन होता है, जिससे इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
भ्0 फीसदी ही होता है भुगतान
उप्र राज्य कर्मचारी परिषद के जिला महामंत्री विनोद पांडेय का कहना है कि असाध्य रोगों के इलाज में खर्चे के बिल को स्वास्थ्य विभाग मानकों के अनुरूप नहीं बताकर भ्0 फीसदी ही भुगतान करता है। वित्त नियंत्रक की ओर से बजट न होने का हवाला दिया जाता है जिससे भुगतान में अक्सर चार से पांच साल लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कर्मचारियों की हड़ताल के बाद दो महीने पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। जिसमें असाध्य रोगों के निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने की बात कही गई थी।
लड़ी गई लंबी लड़ाई
अपने इस हक के लिए राज्य कर्मचारियों ने लंबी लड़ाई लड़ी है। इससे पहले तक सभी राज्य कर्मचारियों को इलाज का पैसा खुद पे करना होता था और इलाज के बाद विभाग इसकी प्रतिपूर्ति करता था। प्रदेश में क्ख् लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारी हैं। जिन्हें यह सुविधा मिल सकेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह सुविधा उन्हें किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, संजय गांधी पीजीआई, उत्तर प्रदेश ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, हृदय रोग संस्थान और जेके कैंसर संस्थान कानपुर सहित राज्य के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में मिलेगी।
इन बीमारियों का निशुल्क इलाज
राज्य कर्मचारियों का यह निशुल्क इलाज असाध्य रोग श्रेणी के अंतर्गत किया जाएगा। सरकार ने अभी तक असाध्य रोग के अंतर्गत सिर्फ उन्हीं मरीजों का इलाज निशुल्क कर रखा था जिनके पास बीपीएल कार्ड हो या फ्भ् हजार से कम एनुअल इनकम का डीएम का बनाया इनकम सर्टिफिकेट हो या फिर फ् एकड़ से कम जमीन हो। बिना इसके यह सुविधा नहीं मिल सकती थी। लेकिन अब राज्य कर्मचारियों को भी इसके तहत इलाज का आर्डर जारी कर दिया गया है। इस सुविधा का लाभ इलाहाबाद के तकरीबन क्भ् हजार कर्मचारियों को मिलेगा।
- इस आदेश के बारे में जानकारी मिली है लेकिन अभी तक कोई लिखित निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। निर्देश मिलते ही सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, स्वास्थ्य विभाग
-अभी तक ज्यादातर कर्मचारी क्रिटिकल बीमारियों का इलाज करा ही नहीं पाते थे। क्योंकि किडनी, लीवर या हार्ट के लिए अचानक लाखों रुपए का खर्च आता है। इस आदेश के बाद प्रदेश भर के कर्मचारियों का फायदा होगा। हम पिछले तीन साल से इसकी मांग कर रहे थे। सरकार का यह कदम सराहनीय है।
जेएन तिवारी, महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद