- पशु तस्करों ने फिर दी पुलिस के इकबाल को चुनौतीे

- छह माह के भीतर दो सब इंस्पेक्टरों की हत्या की

- गोण्डा स्टिंग कांड के बाद पुलिस ने टेके घुटने

LUCKNOW: सूबे में पशु तस्करों ने पुलिस के इकबाल को एक बार फिर चुनौती दी है। जौनपुर में पशु तस्करों की गाड़ी रोकने का प्रयास कर रहे दरोगा त्रिलोकी तिवारी को रौंद डाला गया। इस घटना ने यूपी पुलिस के पशु तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान को गहरी चोट देने के साथ कई ऐसे सवाल भी खड़े कर दिए, जिनके जवाब पुलिस महकमे को खुद तलाशने होंगे। गोण्डा स्टिंग प्रकरण के बाद पशु तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में हीला-हवाली खाकी की साख पर बट्टा लगा रही है।

नहीं हुई थी कार्रवाई

करीब तीन साल पहले तत्कालीन एडीजी कानून-व्यवस्था अरुण कुमार की सहमति पर गोण्डा पुलिस ने पशु तस्करों का स्टिंग किया था। बाद में इसका खमियाजा गोण्डा के तत्कालीन एसपी को ही भुगतना पड़ गया। उन्हें न केवल पद से हटा दिया गया, बल्कि साइड पोस्टिंग दे दी गयी। हैरत की बात यह रही कि वरिष्ठ पुलिस अफसर ही नहीं, आईपीएस एसोसिएशन भी इस मामले में चुप्पी साधे रही। नतीजतन सूबे में पशु तस्करों के हौसले इस कदर बुलंद हो गये कि उन्होंने पुलिस को भी गाहे-बेगाहे चुनौती देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बरेली में सब इंस्पेक्टर मनोज मिश्रा को पशु तस्करों ने गोलियां बरसा कर मौत के हवाले कर दिया। परिजनों की तमाम कोशिशों के बाद भी इस मामले की सीबीआई जांच नहीं करायी गयी। विगत जून माह में भी पशु तस्करों ने बरेली हाईवे पर पुलिस की जीप पर टक्कर मार दी, जिसमें एक सिपाही की मौत हो गयी थी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। बीते कुछ सालों के दौरान प्रदेश पुलिस को ऐसे कई हादसों का शिकार होना पड़ा है। पशु तस्करों के खिलाफ सख्ती की कमी से ये फेहरिस्त बढ़ती जा रही है।

खनन माफिया भी नहीं पीछे

पशु तस्करों के अलावा खनन माफिया भी सरकारी नुमाइंदों का खून बहाने में पीछे नहीं है। मई में फिरोजाबाद में चौबीस घंटे के भीतर खनन माफिया ने दो बार सरकारी टीम पर हमला किया तो कानपुर देहात के भोगनीपुर में अवैध खनन रोकने गये एसडीएम और तहसीलदार समेत पूरी टीम को खनन माफिया से जान बचाकर भागना पड़ा था। जून 2014 में फैजाबाद में अवैध खनन रोकने गये ट्रेनी आईपीएस और एसओ के साथ जमकर हाथापाई हुई थी। बाद में इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया था। इस अलावा शामली, बांदा, अंबेडकरनगर, नोएडा, सहारनपुर, सोनभद्र आदि जिलों में भी खनन माफिया की दबंगई के कई मामले सामने आ चुके हैं। वर्ष 2013 में शामली में खनन माफिया ने न केवल जिला प्रशासन और पुलिस टीम की पिटाई की, बल्कि एके-47 समेत उनके हथियार भी लूट कर ले गए थे।