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AGRA: AGRA: यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगातार हादसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इस वर्ष मई से लेकर सितम्बर माह तक पांच माह में यमुना एक्सप्रेस-वे पर ब्0ब् हादसों में म्ब् व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। पिछले आंकड़ों के मुकाबले हादसों की संख्या में लगभग सवा गुना बढ़ोत्तरी हुई है। इस बात का खुलासा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मांगी सूचना के अधिकार में हुआ है।

वर्ष ख्0क्ख्-क्भ् तक ख्क्9ब् हादसे

सूचना के अधिकार के मुताबिक नौ अगस्त ख्0क्ख् से लेकर फ्0 अप्रैल ख्0क्भ् तक यमुना एक्सप्रेस-वे पर कुल ख्क्9ब् हादसे हुए हैं, जो कि लगभग म्म् प्रतिमाह हादसे प्रति माह हुए, जबकि मई ख्0क्भ् से लेकर सितम्बर ख्0क्भ् तक ब्0ब् हादसे हुए जो लगभग 8क् प्रतिमाह हैं। इसी तरह जहां पहले फ्क्9 व्यक्ति हादसों में मौत के शिकार हुए थे, जो कि क्0 व्यक्ति प्रतिमाह थे, जो अब पिछले पांच माह में म्ब् हो गए यानि क्फ् व्यक्ति प्रति माह मौत का शिकार हुए।

मुख्यमंत्री को कराया अवगत

बढ़ते हुए हादसों पर आगरा डेवलपमेन्ट फाउंडेशन ने यह मुद्दा प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनके मेल पर भेजकर अवगत कराया जा चुका है। यमुना एक्सप्रेस-वे के हादसों को लेकर एडीएफ द्वारा जनहित याचिका ख्8ब्ख्8 वर्ष ख्0क्भ् इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की थी, जिसमें इस मामले को प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के समक्ष एडीएफ द्वारा रखे जाने के लिए कहा, जिसको लेकर मुख्य सचिव वाली समिति ने इस प्रकरण में सुनवाई भी हुई, लेकिन स्थिति सुधरने की जगह और बिगड़ गयी है। सूचना अधिकार में प्राप्त आंकड़े यमुना एक्सप्रेस-वे और अधिक खतरनाक मार्ग सिद्ध कर रहे हैं।

ओवर स्पीडिंग को लेकर नहीं हुई कोई कार्रवाई

एडीएफ के सचिव केसी जैन ने इस बात लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है कि यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण द्वारा ओवर स्पीडिंग को रोकने के संबंध में कोई प्रभावी कार्यवाही व मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह कार्य जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड पर छोड़ दिया गया है। एडीएफ की ओर से मांग की गई कि प्राधिकरण स्वयं ओवर स्पीडिंग को रोकने के लिए यातायात पुलिस के साथ में तालमेल बनाए और मौके पर ही चालान हों।