कर्नाटक के करोड़ों रुपये बह गए कावेरी जल विवाद में
500 करोड़ का प्रतिदिन नुकसान
कर्नाटक का कहना है कि बारिश कम होने की वजह से कावेरी में जल स्तर घट गया है और इसीलिए वो तमिलनाडु को पानी नहीं दे सकता है। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने पानी देने का आदेश दिया तो कर्नाटक के पास विरोध-प्रदर्शन के अलावा कुछ नहीं बचा। लोग सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन करते नजर आए। जगह-जगह सरकारी गाड़ियां फूंकी गई। इसका नुकसान कर्नाटक को ही हुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक को प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद वहां की सरकार और जनता समझने को तैयार नहीं।

कर्नाटक के करोड़ों रुपये बह गए कावेरी जल विवाद में
आईटी कंपनियों पर भी हुआ असर
कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में भी इस विवाद के चलते काफी नुकसान हुआ है। यहां की आईटी कंपनियों को सरकार की जिद की कीमत चुकानी पड़ रही है। भूतपूर्व इंफोसिस डायरेक्टर मोहनदास पई का कहना है कि, वह बंगलुरु की जनता से अपील करते हैं कि हिंसक प्रदर्शन पर विराम लगा दें। यहां लोगों ने दुकानों और मार्केट को बंद कर रखा है इसका सीधा असर राज्य की आर्थिक व्यवस्था पर पड़ा। टेक्नोलॉजी हब के चलते दुनिया में बंगलुरु की खास पहचान है। अगर ये विवाद यहीं खत्म न हुआ तो इसके बुरे परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

कर्नाटक के करोड़ों रुपये बह गए कावेरी जल विवाद में
फिल्म रिलीज पर भी लगा बैन
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद का असर सिनेमा पर भी पड़ा है। हाल ही में रिलीज हुई कुछ तमिल फिल्में कर्नाटक में बैन कर दी गई हैं। यानी कि बंगलुरु में लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि वो तमिल एक्टर्स की फिल्में भी बॉयकाट कर रहे। Sadhuram 2' और 'Nayagi ऐसी दो तमिल फिल्में हैं जो बंगलुरु के सिनेमाघरों से नदारद हैं। यहां के स्टार ने जनता से शांत रहने की अपील की है। क्योंकि कर्नाटक में फिल्में रिलीज न होने का मतलब है करोड़ों का नुकसान...

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