डिप्टी रजिस्ट्रार से ली जानकारी

बता दें कि डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी की फर्जी बीएड की मार्कशीट्स प्रदेश के फिरोजाबाद, हापुड़, मेरठ, बागपत और मुजफ्फरनगर से पकड़ी गई थीं। इन फर्जी मार्कशीट्स से कैंडिडेट्स ने जॉब भी ले ली थी। सैटरडे को सीबीसीआईडी की टीम ने यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रभाष द्विवेदी से मिलकर चार्ट रूम की जानकारी ली और कर्मचारियों के बारे में भी विस्तार से पूछताछ की। इसके बाद टीम ने बीएड इंचार्ज, चंद्रवीर सिंह, आके जिंदल, हरीश कसाना आदि सहित आधा दर्जन यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से देर शाम तक पूछताछ की.  दो दिन पहले भी सीबीसीआईडी टीम ने आकर जब चार्ट रूम में चेकिंग की तो वहां पर 12 मार्कशीट्स फर्जी निकलीं।

फर्जीवाड़े का खेल

फर्जी मार्कशीट दो तरीके से तैयार की जाती है। पहले तरीके में  बिना एग्जाम फॉर्म भरे ही कंप्यूटर से सीरीज से अलग नंबर बनाकर दूसरा नंबर दे दिया जाता है। इसी नंबर पर मार्कशीट बन जाती है। इसका कोई रिकॉर्ड न तो कॉलेज में होता है और नहीं चार्ट रूम में  होता है। वहीं, दूसरे तरीके में एक रोल नंबर पर दूसरा नंबर जारी कर दिया जाता है। जिससे मार्कशीट बन जाती है।

दो जा चुके हैं जेल

यूनिवर्सिटी से फर्जी मार्कशीट्स बनवाने की वजह से फिरोजाबाद के दो स्टूडेंट्स जेल जा चुके हैं। इन स्टूडेंट्स के फर्जी मार्कशीट्स के मामले में फिरोजाबाद के डीएम ने खुद जांच के आदेश दिए थे।

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वर्जन

मार्कशीट के फर्जीवाड़े की सीबीसीआईडी जांच चल रही है। मुजफ्फर नगर की 12 मार्कशीट्स सीबीसीआईडी के पास है वो फर्जी हैं।

प्रभाष द्विवेदी, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी