- आरोपी को गिरफ्तार कर मध्यप्रदेश ले गई सीबीआई, कोर्ट से जारी हुए थे गैर जमानती वारंट

- चार साल पहले दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने में कोचिंग संचालक के खिलाफ मुकदमा

आगरा। व्यावसयिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) टीम ने शुक्रवार को न्यू आगरा क्षेत्र की कोचिंग में छापा मारा। कोचिंग संचालक को गिरफ्तार कर टीम अपने साथ ले गई। कोचिंग संचालक के खिलाफ चार साल पहले दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने पर सीबीआई ने यह कार्रवाई की।

जमानत पर रिहा होकर खोली थी कोचिंग

मूलरूप से अलीगढ़, इगलास निवासी धर्मेद्र कुमार जाट वर्ष 2013 में प्रतियोगी परीक्षा में दूसरे अभ्यर्थी की जगह पेपर देने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और आपराधिक साजिश की धारा में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। डेढ़ महीने बाद जमानत पर रिहा हुआ। दो साल पहले उसने भगवान टॉकीज चौराहे के पास वर्मा कॉम्प्लेक्स में कोचिंग खोल ली थी। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को यह केस भी जांच को मिला। सीबीआई ने धर्मेद्र को नोटिस देकर बयान को बुलाया। उसके बयान लेने के बाद मामले में बिना गिरफ्तारी चार्जशीट लगा दी। मगर, आरोपी सीबीआई की अदालत में पेश नहीं हुआ।

गैर जमानती वारंट हुआ जारी

पेश नहीं होने पर आठ नवंबर को सीबीआई कोर्ट ग्वालियर से आरोपी धर्मेद्र कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुए। इसके बाद सीबीआई की टीम यहां पहुंची। सीबीआई इंस्पेक्टर एमके पांडेय शुक्रवार को दोपहर अपनी टीम को लेकर न्यू आगरा थाने पहुंचे। यहां आमद कराने के बाद स्थानीय पुलिस के साथ टीम कोचिंग पहुंची। यहां से कोचिंग संचालक धर्मेद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। टीम उसे गिरफ्तार कर ग्वालियर ले गई। वहां सीबीआई की अदालत में उसे पेश किया जाएगा।

सीबीआई की गाड़ी के सामने आए छात्र

धर्मेद्र की कोचिंग में करीब दो हजार छात्र एसएससी, बैंक, रेलवे, सीडीएस समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। धर्मेद्र कोचिंग में मैथ पढ़ाता है। उसकी गिरफ्तारी के बाद सैकड़ों छात्र न्यू आगरा थाने पहुंच गए। कई घंटे तक छात्र थाने के बाहर खड़े रहे। सीबीआई टीम उसे ले जाने लगी तो छात्र गाड़ी के आगे आ गए। पुलिस ने उन्हें गैर जमानती वारंट की कॉपी दिखाई तब वे हटे। इसके बाद भी न्यू आगरा थाने से भगवान टॉकीज के पास तक वे रोड पर सीबीआई की गाड़ी के साथ-साथ चले। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए कोचिंग संचालक ने खुद को बेकसूर बताया। उसका कहना था कि भोपाल में उसे वर्ष 2013 में गलतफहमी में पकड़ लिया गया था। वह किसी की जगह परीक्षा देने नहीं गया था।