अफसरों को गुमराह कर इंवेस्टर्स समिट में पर्यटन स्थलों पर आठ फाइव स्टार होटल की कर डाली डील

- आलमबाग के केनरा बैंक से 12 करोड़ की धोखाधड़ी का केस है दर्ज

- नहीं जमा की डीपीआर, सख्त कदम उठाने की तैयारी में पर्यटन विभाग

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW : यूपी इंवेस्टर्स समिट में लाखों करोड़ रुपये के एमओयू में बैंक से धोखाधड़ी करने वालों ने भी सेंध लगा डाली। सूबे को विकास के पथ पर ले जाने वाले इस अहम आयोजन इंवेस्टर्स समिट में एक ऐसी दागी कंपनी भी न सिर्फ शामिल हुई बल्कि प्रदेश के अफसरों को गुमराह कर प्रमुख पर्यटनों स्थलों पर आठ फाइव स्टार होटल बनाने का 1500 करोड़ का एमओयू साइन तक कर लिया। कंपनी के निदेशकों ने एमओयू से पहले इस बात को पूरी तरह से छुपाए रखा कि उनके खिलाफ बैंक से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच सीबीआई कर रही है। हैरत की बात यह है कि एमओयू साइन होने से पहले किए गये वैरीफिकेशन में लखनऊ के अफसरों ने कंपनी को क्लीन चिट भी दे दी।

केनरा बैंक से केसी इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लि। की धोखाधड़ी

इंवेस्टर्स समिट के दौरान पर्यटन विभाग ने प्रदेश के आठ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लो बजट फाइव स्टार होटल विद हैलीकॉप्टर कनेक्टिविटी के साथ बनाने का 1500 करोड़ रुपये का एमओयू विभूतिखंड के साइबर हाइट्स टॉवर से संचालित कंपनी केसी इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया था। यह एमओयू फरवरी-2018 में इंवेस्टर्स समिट के दौरान किया गया था और कंपनी को इसी साल सारे होटल की डीपीआर बनाकर देनी थी। यही नहीं इस कवायद से करीब दो हजार लोगों को रोजगार भी दिया जाना था। एमओयू से पहले कंपनी के वैरीफिकेशन की जिम्मेदारी डीएम और एसएसपी को दी गयी थी जिसमें उन्हें क्लीनचिट मिल गयी। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के पास सीबीआई की उस एफआईआर की कॉपी है जिसमें केसी इंफ्रा बिल्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर विजय मिश्र और अन्य निदेशकों के खिलाफ राजधानी के आलमबाग स्थित केनरा बैंक की शाखा से 12.38 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। यह एफआईआर नई दिल्ली स्थित सीबीआई की इकोनोमिक ऑफेंस विंग ने विगत 28 मार्च 2017 को दर्ज की थी, जिसमें कंपनी के एमडी विजय मिश्र, निदेशक नीलू मिश्र, मिथिलेश मिश्र, उदय कुमार, विनय कुमार और केनरा बैंक के अज्ञात अफसरों को आपराधिक साजिश रचने, फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी अंजाम देने का आरोपी बनाया गया था।

रिमाइंडर का जवाब तक नहीं दिया

'दैनिक जागरण आई नेक्स्ट' ने जब पर्यटन विभाग में जाकर इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि एमओयू साइन करने के दौरान केसी इंफ्रा ने सीबीआई में दर्ज इस मामले की जानकारी नहीं दी थी। वैरीफिकेशन रिपोर्ट में भी इसका कोई उल्लेख नहीं था जिसकी वजह से कंपनी को क्लीनचिट दे दी गयी। इतना ही नहीं, पर्यटन विभाग ने कई बार केसी इंफ्रा को आठों होटल की डीपीआर जमा करने को कहा, जिसका उन्होंने कोई जवाब तक नहीं दिया। विभाग के अधिकारियों की मानें तो आपराधिक मामले को छुपाने और एमओयू की शर्तो को पूरा नहीं करने पर उसे निरस्त भी किया जा सकता है।

ईडी ने पूछा, क्या है बिजनेस

दूसरी ओर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने भी केसी इंफ्रा को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर वे कौन सा बिजनेस कर रहे हैं। दरअसल ईडी को आशंका है कि इसी एमओयू के आधार पर केसी इंफ्रा द्वारा मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियों की तरह निवेशकों से पैसे बटोरे जा रहे हैं जो कि पूरी तरह गैरकानूनी है। सूत्रों की मानें तो केसी इंफ्रा ने ईडी के भी नोटिस का जवाब नहीं दिया है। ईडी के अफसरों के मुताबिक जवाब नहीं दिए जाने पर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इन पर्यटन स्थलों पर बनने थे होटल

अयोध्या, नैमिषारण्य, मथुरा-वृंदावन, श्रावस्ती, कुशीनगर, सारनाथ, कौशांबी और दुधवा नेशनल पार्क।

कोट

कंपनी द्वारा एमओयू करने या उसके खिलाफ केस दर्ज होने की मुझे कोई जानकारी नहीं है। हम इसकी पड़ताल कराएंगे। यदि आरोप सही मिले तो आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में कंपनी शामिल थी कि नहीं।

- रीता बहुगुणा जोशी, पर्यटन मंत्री

फैक्ट फाइल

- 06 जनवरी 2017 को केनरा बैंक के जीएम ने सीबीआई में की शिकायत

- 28 मार्च 2017 को सीबीआई नई दिल्ली में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया

- 12.38 करोड़ रुपये की आलमबाग के केनरा बैंक से धोखाधड़ी करने का है आरोप

- 1500 करोड़ रुपये निवेश कर आठ होटल बनाने का किया था समिट में एमओयू

- 2000 लोगों को रोजगार देने का भी कंपनी ने किया था एमओयू में वादा