Lucknow: सीबीआई की दिल्ली टीम ने एनआरएचएम घोटाले में दिल्ली में एक नई एफआईआर दर्ज करते हुए शनिवार को मायावती गवर्नमेंट में हेल्थ मिनिस्टर रहे अंटू मिश्रा के घर रेड की। नई एफआईआर में अंटू मिश्रा के अलावा एक्स फैमिली वेलफेयर मिनिस्टर बाबू सिंह कुशवाहा और पूर्व प्रमुख सचिव प्रदीप शुक्ला समेत प्रदेश भर के 80 सीएमओ का नाम शामिल है.
दिल्ली से आई सीबीआई की टीम सर्च वारंट लेेकर बिल्कुल सुबह लगभग सवा चार बजे अंतू मिश्रा के गोमतीनगर के विपुल खण्ड में उनके रेजीडेंस पर पहुंची। इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों के साथ पुलिस फोर्स भी मौजूद थी। लखनऊ के अलावा सीबीआई ने कानपुर में भी अंतू मिश्रा के घर छापेमारी की कार्रवाई की।
अधिकारियों से भिड़ा अंटू का भाई
सूत्रों की मानें तो सीबीआई के अधिकारी सर्च के दौरान कम्प्यूटर हार्डडिस्क और कई अहम दस्तावेज अपने साथ ले गये हैं। हालांकि छापे मारने से पहले सीबीआई कई बार अंटू मिश्रा से पूछताछ कर चुकी थी। ऐसे में सीबीआई की इस छापेमारी के खिलाफ आवाज उठने लगी है।
सीबीआई की टीम जब अंटू के घर पहुंची तो अंटू के भाई ने सीबीआई अधिकारियों का विरोध किया और अधिकारियों से भिड़ गया। सीबीआई के साथ गई पुलिस फोर्स ने बल पूर्वक उसे वहां से हटाया और पूरे घर को सर्च किया। इस दौरान गेट पर ताला लगा दिया गया जिससे कोई भी अंदर का आदमी बाहर और बाहर का आदमी अंदर ना जा सके।
अंतू का भी जेल जाना लगभग तय
सीबीआई ने जो नई एफआईआर दर्ज की है उसमें बड़े नामों में अनंत मिश्रा, बाबू सिंह कुशवाहा और प्रदीप शुक्ला का नाम है। बाबू सिंह कुशवाहा और प्रदीप शुक्ला दोनों ही जेल में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही सीबीआई अंटू मिश्रा को भी अरेस्ट कर कई दिनों से चल रहे इस टॉपिक पर फुल स्टाप लगा देगी.
कई बार हो चुकी है पूछताछ
डॉ। विनोद आर्या हत्याकाण्ड में सीबीआई कई बार अंटू मिश्रा को बुलाकर कई राउण्ड पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा डॉ। एके शुक्ला के सामने बैठा कर भी उनसे पूछताछ की जा चुकी है। लेकिन अब माना जा रहा है कि अंटू मिश्रा की किसी भी समय एनआरएचएम घोटाले में गिरफ्तारी हो सकती है।
क्या है घोटाला?
सेंट्रल गवर्नमेंट की नेशनल रुरल हेल्थ मिशन स्कीम के तहत पिछले साढ़े छह साल के दौरान साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा यूपी को मिले। इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा अधिकारियों और ठेकेदारों और मंत्रियों के बीच बंदरबांट हो गया। 89 डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में माड्यूल आपरेशन थिएटर के लिए 89 करोड़ रुपये मिले थे। जबकि एक माड्यूल ओटी की लागत अधिकतम 75 लाख रुपये आंकी गयी थी। ऐसे में प्रति ओटी 25 लाख रुपये का सीधा-सीधा घोटाला किया गया।
कैग रिपोर्ट में भी सामने आया बड़ा घोटाला
यूपी सरकार की तरफ से पेश की गयी कैग की रिपोर्ट में भी बड़े घोटाले की तरफ इशारा किया गया है। इस रिपोर्ट में अप्रैल 2005 से मार्च 2011 तक एनआरएचएम में लोगों की सेहत सुधार के लिए 8657.35 करोड़ रुपये मिले जिसमें से 4938 करोड़ रुपये नियमों को ताक पर रख कर खर्च किये गये.  एनआरएचएम स्कीम में 1085 करोड़ रुपये का पेमेंट बगैर किसी सिग्नेचर के कर दिया गया। बिना टेण्डर के ठेके बांटे गये। 300 पेज की रिपोर्ट में हर मद में घोटाले का जिक्र किया गया है।