साजिश के हिस्सा होने का संकेत नहीं

विशेष लोक अभियोजक आर एस चीमा ने कोर्ट में कहा कि इस मामले के रिकार्ड में इस बात के अभी तक कोई संकेत नहीं हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जिंदल समूह के फर्म को कोयला ब्लॉक आवंटित करने में किसी साजिश का हिस्सा थे। चीमा ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर से कहा कि, यह आवेदन आरोपी व्यक्ति की तरफ से मौजूदा मुकदमे को न सिर्फ लेट  करने बल्कि अदालत का ध्यान भटकाने का एक तरीका है।

महत्वपूर्ण गवाह है अन्य दो

दो अन्य व्यक्तियों जिन्हें कोड़ा ने मामले में अतिरिक्त आरोपी के तौर पर तलब करने की मांग की थी। उनके बारे में अभियोजन पक्ष ने कहा कि ये दोनों आरोपी अभियोजन पक्ष के महत्वपूर्ण गवाह हैं और इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि समूची प्रक्रिया में उन्होंने किसी के साथ साजिश रची।

16 तक आदेश सुरक्षित

अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद कोड़ा के आवेदन पर अपना आदेश 16 अक्तूबर तक सुरक्षित रख लिया। मामला अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक का जिंदल समूह की कंपनियों जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पांज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआईपीएल) को आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित है। बता दें कि कोड़ा ने एक आवेदन दायर करके मनमोहन सिंह और दो अन्य–तत्कालीन सचिव (ऊर्जा) आनंद स्वरूप और तत्कालीन सचिव (खदान एवं भूगर्भ विज्ञान) जयशंकर तिवारी को मामले में अतिरिक्त आरोपी के तौर पर तलब करने की मांग की थी। इससे पहले, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव ने मनमोहन सिंह को तलब करने की कोड़ा की याचिका का समर्थन किया था।

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