मांगी गई जानकारी

बालकृष्ण के जन्म स्थान से लेकर आचार्य बनने तक की एजूकेशन की जानकारी सीबीआई पहले ही जुटा चुकी है। इसके लिए सीबीआई द्वारा हर लेवल पर प्रयास किया गया। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई इन दिनों नेपाल सरकार के टच में है। जहां आचार्य से जुड़ी तमाम जानकारियां इकट्ठा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सीबीआई अपने इंटरनल सोर्सेज का यूज भी कर रही है।

HC से लिया stay  

लास्ट ईयर 24 जुलाई को सीबीआई ने दून स्थित स्पेशल कोर्ट में आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ 420, 467, 468 व 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद तीन व पांच अगस्त को सीबीआई ने उनसे गहन पूछताछ भी की थी। इससे आगे इंट्रोगेशन होने से पहले ही बालकृष्ण ने अपनी गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। सीबीआई द्वारा स्टे हटाने के लिए कई बार प्रयास भी किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

LOC की चल रही है तैयारी

सीबीआई बालकृष्ण को लेकर पूरी तरह सजग है, किसी भी चूक की गुंजाइश न रहे इसके लिए एलओसी (लुक आउट सर्कुलर) की तैयारी चल रही है। सीबीआई की मानें तो इस दिशा में अहम कदम उठाया जा चुका है। आने वाले कुछ समय में एलओसी जारी हो सकता है। पासपोर्ट व नागरिकता मामले में फंसे योग गुरु फिलहाल अपने कार्य में व्यस्त हैं, वहीं सीबीआई उनसे जुड़े हर पहलू को खंगालने में जुटी हुई है।

क्या होता है LOC

लुक आउट सर्र्कुलर एक लेटर होता है जो ये चेक करने के लिए जारी किया जाता है कि दूसरे देश में यात्रा करने वाला शख्स क्या उस देश की पुलिस की वांटेड लिस्ट में है। इसका यूज इंटरनेशनल बार्डर पर होता है। इसका यूज होता है ताकि कोई वांटेड क्रिमिनल देश की सीमा को छोड़ कर न भाग सके। हालांकि इस नोटिस की अविध एक साल होती है, लेकिन इसे बढ़ाया भी जा सकता है। किसी भी क्रिमिनल के खिलाफ एलओसी मिनिस्ट्री ऑफ होम अफयर्स जारी करती है