- कई बड़े मामलों की जांच आज तक नहीं हो सकी शुरू

- जांच बदलने के खेल में भी लिप्त रहा लखनऊ मुख्यालय

- ईडी में भी दिख रहा असर, दो मामले बने झगड़े की जड़

ashok.mishra@inext.co.in

LUCKNOW: सीबीआई के आला अफसरों में चल रही रार का यूपी पर भी गहरा असर पड़ चुका है। पिछले डेढ़ साल से सीबीआई की इस अंदरूनी उठापटक का नतीजा यह रहा कि राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच को भेजे गये तमाम मामले लटकाए रखे गये। इसमें बसपा सरकार का बहुचर्चित चीनी मिल बिक्री घोटाला भी शामिल हैं जिसकी जांच सीबीआई से कराने का ऐलान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। यह मामला सीबीआई में लंबे समय से दर्ज होने के लिए लटका हुआ है। इतना ही नहीं, यूपी में हुई तमाम आपराधिक घटनाओं को आज भी सीबीआई जांच का इंतजार है। इनमें घोटालों के अलावा हत्या और अपहरण के कई मामले शामिल हैं।

दो मामलों से बिगड़ी बात

सीबीआई के सूत्रों की मानें तो इस रार की शुरुआत राजधानी में पिछले साल जून माह में ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर एनबी सिंह की गिरफ्तारी के साथ हुई थी। इसे लेकर सीबीआई और ईडी के अफसर आमने-सामने आ गये थे। इस मामले की गाज सीबीआई के एक एसपी पर भी गिरी थी जिन्हें सीबीआई में एक्सटेंशन नहीं दिया गया था। इसके बाद लखनऊ मुख्यालय की स्पेशल क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किए गये बैंक फ्रॉड के एक मामले ने भी अफसरों की आपसी कलह को सार्वजनिक कर दिया। इस मामले में अफसरों ने स्पेशल क्राइम ब्रांच से केस लेकर एंटी करप्शन ब्रांच को सौंप दिया था जिसे लेकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सीबीआई के अफसर एक-दूसरे पर संगीन आरोप लगाने लगे थे। इसकी गूंज सेंट्रल विजिलेंस कमीशन तक पहुंची थी जहां केस ट्रांसफर का आदेश करने वाले अफसर के खिलाफ शिकायत की गयी थी। कहना गलत न होगा कि अफसरों के आपसी झगड़े का असर सीबीआई और ईडी में दिख रहा है। तमाम मामलों की जांच सुस्त पड़ी है तो कईयों में केस दर्ज करने की नौबत तक नहीं आ पा रही है।

नहीं की वैभव हत्याकांड की जांच

इतना ही नहीं, यूपी सरकार द्वारा सीबीआई को भेजे गये करीब एक दर्जन मामलों की जांच आज तक शुरू नहीं हो सकी है। इनमें हजरतगंज स्थित कसमंडा अपार्टमेंट के सामने हुई वैभव तिवारी की हत्या का मामला भी शामिल है। एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से हुई मौत के मामले की जांच भी सीबीआई ने आज तक शुरू नहीं की है। सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि चीनी मिल बिक्री घोटाले का केस लखनऊ जोनल मुख्यालय को दर्ज करना था पर अफसरों की आपसी रार की वजह से अभी तक इस बाबत कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

इन मामलों की नहीं ली जांच

- हजरतगंज का वैभव तिवारी हत्याकांड

- बसपा सरकार का चीनी मिल बिक्री घोटाला

- यूपी शुगर फेडरेशन के एमडी के खिलाफ जांच

- देवरिया शेल्टर होम कांड की जांच का मामला

- एटीएस एएसपी अजय साहनी की मौत का मामला

- चिनहट में लालजी के अपहरण का केस

- गौरीगंज में जवाहर विद्यालय के छात्र अभय सिंह की हत्या

- गाजियाबाद का रुचि शर्मा मर्डर केस

- देवरिया कांड की जांच आज भी सीबीआई में लंबित

- नोएडा का अलका अपहरण कांड

- अंबेडकरनगर में रामबाबू गुप्ता की हत्या