-सीबीएसई बोर्ड अपने स्कूल्स को बनाएगा कोलाबरेटिव लर्निग हब

-एक दूसरे का संसाधन कर सकेंगे साझा, स्टूडेंट्स को होगा फायदा

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VARANASI

सीबीएसई बोर्ड ने अपने सभी स्कूल्स को आपस में जोड़ने की तैयारी की है. बोर्ड की ओर से स्कूल्स को कोलाबरेटिव लर्निंग हब (सीएलएच) बनाया जा रहा है. सीएलएच के तहत वाराणसी सहित देशभर के सीबीएसई से संबद्घ स्कूल्स को आपस में जोड़ा जाएगा. यह स्कूल अपने संसाधनों को अन्य स्कूल्स के साथ साझा करेंगे. लर्निंग हब एक जुलाई से काम करना शुरू कर देगा. सीएलएच के तहत देशभर के स्कूलों को लर्निंग हब में बांटा जाएगा. एक लर्निंग हब में पांच या उससे अधिक स्कूल शामिल होंगे.

स्टूडेंट्स को मिलेगा मौका

सीबीएसई की ओर से हो रही इस अनोखी पहल के बाद एक लर्निंग हब के अंदर आने वाले स्कूल अलग-अलग एक्टिविटीज में एक-दूसरे का सहयोग कर सकेंगे. बोर्ड की ओर से जारी लेटर के मुताबिक स्कूल वाले क्षमता निर्माण में एक-दूसरे की मदद करेंगे. स्कूल आपस में मिलकर संयुक्त तरीके से प्रोग्राम का आयोजन करेंगे. स्कूल्स में शैक्षिक सहयोग के कार्यक्रम भी होंगे. आपस में सहयोग से स्टूडेंट्स को सीखने के अधिक मौके मिलेंगे.

मोहल्ला, वार्ड लेंगे गोद

सभी लर्निंग हब अपने आसपास में स्थित औद्योगिक इकाइयों, कारखानों, प्रशासकीय मुख्यालयों, सुरक्षा सेवाओं, उच्च शिक्षा के संस्थानों और बिजनेस हाउस से भी जुड़ेंगे. इसके थ्रू छात्रों को सीखने के अलावा जीवन व समाज के बारे में गहरी जानकारी भी हासिल होगी. लर्निंग हब को कल्याणकारी गतिविधियों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए गांव, मोहल्ला, वार्ड को गोद लेकर उनको डेवलप करेंगे.

एक दूसरे का करेंगे हेल्प

-लर्निग हब में शामिल स्कूल आपस में खेलकूद की सुविधाओं, लैब, ऑडीटोरियम को भी आपस में साझा करेंगे.

-लर्निंग हब में शामिल स्कूल्स के प्रिंसिपल एवं टीचर्स के ट्रेनिंग के लिए आपस में खेलकूद प्रतियोगिता एवं कल्चरल प्रोग्राम, साइंस एग्जिबिशन और क्विज का आयोजन किया जाएगा.

-हब में शामिल स्कूल छात्रों के लिए कुछ अहम मामलों सिक्योरिटी, एनर्जी और जल संरक्षण, पर्यावरण, डिजिटल नवाचार और मूल्यों एवं नेतृत्व कौशल सेमिनारों के लिए प्रोत्साहित करेंगे.

-आधारभूत ढांचा और टीचर्स की कमी की वजह से किसी स्कूल में पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. किसी स्कूल में अगर टीचर की कमी है तो उसकी पूर्ति दूसरे स्कूल से कर सकेंगे.